भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से सोमवार को मकर संक्रांति मनायी जाएगी। सभी पंचागों के अनुसार 15 जनवरी की सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक पुण्यकाल है। सोमवार को मकर संक्रांति मनेगी। सुबह सूर्योदय के बाद से शाम तक चूड़ा-दही व तिलकुट आदि खाना शुभ होगा। मकर संक्रांति पर खाने से पहले पूजा-पाठ, हवन और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति पर शहर के प्रमुख मंदिरों में भीड़ होगी। पुण्यकाल में पूजन व दान-पुण्य से प्रसन्न होते हैं भगवान सूर्यआचार्य श्री नवीनचंद्र मिश्र ने बताया कि सोमवार की सुबह से शाम तक पुण्यकाल है। सनातन धर्म में मकर संक्रांति विशेष महत्व है। 12 राशि में सूर्य घूमते हैं। जिसमें मकर राशि में प्रवेश करने के बाद इनके पूजन का महत्व बढ़ जाता है। इसलिए मकर संक्रांति के दिन पुण्यकाल में पूजा के साथ दान-पुण्य करने से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं। साकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। आचार्य ने कहा कि मकर राशि के सूर्य होते ही सूर्यदेव उतरायण हो जाते हैं और देवताओं के दिन और दैत्यों के लिए रात शुरू हो जाती है। खरमास खत्म होने के साथ ही सौर्य माघ मास शुरू हो जाता है। सारे मांगलिक काम शुरू हो जाएंगे।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।