हिमालय पर बढ़ते प्रदूषण के प्रभाव का आकलन करने के लिए अमेरिकी वैज्ञानिकों का एक दल विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के अभियान पर बुधवार को रवाना हुआ। वेस्टर्न वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के जॉन औल की अगुवाई में वैज्ञानिकों का यह दल ग्लेशियरों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का भी अध्ययन करेगा।इस अभियान में यह भी पता लगाया जाएगा कि बदलती जलवायु और बढ़ते प्रदूषण के कारण स्थानीय लोगों को भविष्य में किस प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। वैज्ञानिकों का यह दल 8,850 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट पर मई में चढ़ाई शुरू करेगा। इस अभियान के दौरान एकत्रित किए गए नमूनों का पूर्व में जुटाए गए नमूनों से तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा।वैज्ञानिकों ने 2009 में भी हिमालय से नमूने इकट्ठा किए थे। पिछले अभियान के दौरान 2014 में भी जॉन औल के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने एवरेस्ट पर चढ़ाई का प्रयास किया था, लेकिन वह असफल रहा था। उस अभियान में शामिल 16 शेरपा गाइड की हिमस्खलन की वजह से मौत हो गई थी। उस हादसे में औल भी घायल हो गए थे। इसलिए नए सिरे से प्रयास करने के लिए औल फिर अपने दल के साथ अभियान पर निकले हैं।