बिहार राज्य के जमुई जिला के सिकंदरा प्रखंड से ज्योति कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है मनुष्य का जीवन पूरी तरह प्रकृति पर निर्भर है | हम अपनी आवश्यकता की लगभग सभी चीजें प्रकृति से प्राप्त करते है।प्रकृति को इसी लिए माता कहा जाता है क्योंकि यह हमारा पालन पोषण करती है | प्रकृति का मनुष्य जीवन में इतना महत्त्व होते हुए भी हम अपने लालच के कारण उसका संतुलन बिगाड़ रहे हैं |धरती पर जीवन का आरम्भ और जीवन को चलाए रखने का काम प्रकृति की बड़ी पेचीदा प्रक्रिया है।प्रकृति ने जो कुछ पैदा किया वह फिजूल नहीं है। हर जीव का अपना महत्व है।सृष्टि के नियंता ने मनुष्य को असीमित क्षमता इसलिए नहीं दी है कि वह उसकी रचना को बदल देने का प्रयास करे। आज कई क्षेत्रों में ऐसा ही हो रहा है। व्यापक विनाश का सामान जुटाने से लेकर मनुष्य नियंता की सत्ता को ही चुनौती देने लगा है। प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और जीव-जंतुओ के अस्तित्व को मिटाने की कोशिश की जा रही है। वनों का तेजी से विनाश हो रहा है। उद्योगों की स्थापना तथा ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के लिए प्रकृति के असंतुलन के खतरे की भी परवाह नहीं है। इसके शुरूआती दुष्परिणाम मनुष्यों के साथ जीव-जंतुओं के बढ़ते संघर्ष के रूप में देखें जा सकते हैं। यही स्थिति रही तो हमें गंभीर बिमारियों का समना करना पड़ेगा।