बिहार राज्य के जमुई जिला से ज्योति कुमारी जी ने मोबाइल वाणी पर बताया कि गरीबी रेखा को ठीक से निर्धारित करें।सरकार को गरीबी रेखा का निर्धारण हमेशा मापक बुन्दुओं पर करना होता है। वास्तव में गरीबी की रेखा के जरिये राज्य ऐसे लोगों के चयन की औपचारिकता पूरी करता है जो इससे ज्यादा अभाव में जी रहे हैं, कि उन्हें रोज खाना नहीं मिलता है, ये वे लोग हैं जिन्हें विकास की प्रक्रिया में घोषित रूप से सबसे बड़ी बाधा माना जाने लगा है। हालांकि विकास का यह एक अहम् मापदण्ड भी है ,कि लोगों को गरीबी के दायरे से बाहर निकाला जाये इस दुविधा की स्थिति में लगातार संसाधन झोंके जाते हैं। कौन अब गरीब नहीं रहा और कौन हैं जिनके नाम इस सूची में नये सिरे से जोड़े जाने हैं। यह सूची बहुत महत्वपूर्ण इसलिये होती है, क्योंकि इसी के आधार पर गरीब और आर्थिक रूप से अति कमजोर लोगों, निराश्रितों, वृध्दों और विधवा महिलाओं को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलता है, परन्तु अगर सरकार के द्वारा गरीबी रेखा को ठीक से निर्धारित नहीं होते है , तब गरीब और आर्थिक रूप से अति कमजोर लोगों, निराश्रितों, वृध्दों और विधवा महिलाओं को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। इसलिए गरीबी रेखा को ठीक से निर्धारित करना सरकार का दायित्व है। तब ही सरकार के द्वारा दिया जा रहा जनकल्याणकारी योजना का लाभ गरीब आर्थिक रूप से अति कमजोर लोगों, पा सकें