बिहार के जिला जमुई,प्रखण्ड सिकंदरा से विजय कुमार सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि आज भी आधी आबादी में असमानता दिखाई देती है।महिला साक्षरता में बिहार आज भी बहुत पीछे है। जहाँ पुरुषों की साक्षरता 71.2 फीसद है वहीं महिलाओं की साक्षरता महज 51.5 फीसद है।अगर लड़कियों को सही शिक्षा नहीं मिलेगी तो समाज में समानता की अपेक्षा कैसे की जा सकती है। महिलाओं की शिक्षा के लिए राज्य सरकार ने हाल के वर्षो में अच्छी पहल की है।सरकार ने पहली बार पंचायतों और शहरी पदों के लिए आधी आबादी के लिए आधी सीटें आरक्षित कर दी है। बालिका संघ योजना राइट टू पब्लिक सर्विस एक्ट को लागु किया गया।इसके बाद सभी तरह की सरकारी नौकरियों में 35 फीसद आरक्षण तय कर दिया गया है।आगे दहेज़ बंदी अभियान से भी मुक्ति की राह आसान हो सकती है। किन्तु तब तक पारिवारिक स्तर पर शिक्षा व्यवस्था को एक समान नहीं किया जाएगा तब तक सही मायने में महिलाओं की तरक्की संभव नहीं है।आज भी बेटे-बेटियों के परवरिश में भेदभाव किया जाता है।