राज्य बिहार,जिला-जमुई,प्रखंड-सिकंदरा से विजय कुमार जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है की केंद्र सरकार ने जो खास लोगो के वाहनों से लाल बत्ती हटाने का जो निर्णय लिया है वह स्वागत योग्य है।नेताओं और नौकरशाहों की सरकारी और निजी वाहनों पर लगे VIP लाइट, शासक प्रजा का भाव प्रबल करती है।जबकि लोकतंत्र की मंत्रा ठीक इनके विपरीत होती है।हकीकत में यह VIP लाइट सत्ता के अहंकार का प्रतीक है। बड़े लोगो ने लोगो पर रौब झाड़ने से लेकर ट्रैफिक नियम तोड़ने के लिए इसका दुरूपयोग भी किया।यह देश का दुर्भाग्य है की यहाँ लोकतंत्र की आड़ में राजतंत्र परम्परा के तौर पर आज भी स्थापित है।यह बात सभी को लोग जानते है की कुर्सी में बैठते ही नेताओं का बोल-चाल से लेकर सबकुछ बदल जाता है।सवाल यह की क्या मंत्रियों की गाड़ियों से लाल बत्तियां हट जाएगी तो क्या शासक और जनता दोनों बराबर हो जायेंगे।आम और खास के बीच पनपती खाई को पाटना होगा।अब अगर लाल बत्ती प्रतिबंधित हो गयी तो इतना तय है की बाबू वर्ग के लोगो का अहंकार खत्म हो जायेगा और समाज के साथ-साथ देश भी बदलेगा।