जिला जमुई प्रखंड सिकंदरा से विजय कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है की अक्सर बड़े बड़े भोज ,होटल,रेटोरेन्ट व स्कूलों के मध्यान भोजन में अनाज की बर्बादी देखी जाती है।क्या कभी हम यह सोचते है की एक दाना गेहूं का तैयार करने में हमारे किसान भाइयों को कितनी मेहनत करनी पड़ती है।खेतो की तैयारी से लेकर थाली में रोटी आने तक न जाने अन्नदाता से लेकर गृहणियों तक कितनी मेहनत करती होगी।गीता में भगवन श्री कृष्ण ने मनुष्य की उत्पति अन्न से ही बताया है।कई ऐसे देश जंहा 30 प्रतिशत आबादी को भरपेट भोजन नसीब नहीं होता,और न जाने कितने लोगो को भूखे पेट ही सोना पड़ता है।कुपोषण जहां राष्ट्रीय समस्या है उस देश में अन्न की बर्बादी को लेकर नागरिको को जागरूक रहने की जरुरत है।