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मध्यप्रदेश राज्य से बंटी यादव विकास क्लब मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि युवा बेरोजगारी से त्रस्त है। अच्छी खासी डिग्री होने के बाद भी युवा वर्ग बेरोज़गार हैं। युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी मिलनी चाहिए। कहीं न कहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी परिवर्तन लाने की आवश्यकता है ताकि युवाओं को डिग्री लेकर रोज़गार की तलाश में भटकना न पड़े।
मध्यप्रदेश राज्य से बंटी यादव विकास क्लब मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि चुनाव अकसर आदर्श और विचारधारा के आधार पर लड़ा जाता है। वास्तविक रूप से चुना चरित्र और अच्छाई पर लड़ा जाना चाहिए। धनबल बाहुबल उम्मीदवारों की राजनीति के कारण अच्छे लोग राजनीति से दूर हो गए हैं।
मध्यप्रदेश राज्य से बंटी यादव विकास क्लब मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि निजी स्कूल द्वारा मनमानी तरीक़े से अभिभावकों से हर साल कभी एडमिशन फीस तो कभी ड्रेस ,स्टेशनरी, 6 महीने की फीस एक साथ इत्यादि के रूप में ली जा रही हैं।सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
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मध्यप्रदेश राज्य से बंटी यादव विकास क्लब मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि आज की राजनीति व्यवसाय में तब्दील होती जा रही है। विचारधारा और सिद्धांतों केवल घोषणाएँ और संकल्प पत्रों तक सिमट कर रह गए हैं। हर राजनेता की पहली और आखिरी इच्छा केवल चुनाव जितने और सत्ता में आने तक की रह गई हैं।
मध्यप्रदेश राज्य से बंटी यादव विकास क्लब मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि आय दिन होने वाले सड़क दुर्घटनाओं में ट्राफिक पुलिस का नियंत्रण नहीं है। वाहन चालक यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं। बिना परमिट बहुत से लोग वाहन चला रहे हैं। पुलिस विभाग को इन पर उचित कार्रवाई करना चाहिए।दोस्तों इनकी तरह कोई जानकारी या किसी विषय पर अपना विचार मोबाइल वाणी के साथ बाँटना चाहते हैं ,तो मिस्ड कॉल जरूर करें निःशुल्क नंबर 08800438555 पर।
मध्यप्रदेश राज्य से बंटी यादव विकास क्लब मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि कुछ बड़े राजनेता पराजय के डर से दो जगह से चुनाव लड़ते हैं। ऐसे में दोनों क्षेत्रों से जीतने के बाद एक जगह छोड़नी पड़ती है जिस कारण रिक्त सीट पर उपचुनाव कराना होता हैं। ऐसे में निर्वाचन आयोग द्वारा संसाधनों, प्रशासन पर व्यय और समय की बर्बादी होती है। देश को आर्थिक भार से बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा इस व्यवस्था पर अंकुश लगाना चाहिए।
शिवपुरी बात 1951 की है चुनाव में उतरे प्रत्याशी प्रचार के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को किराए की साइकिल चलाते थे कार्यकर्ता इन साइकिलों से गांव गांव जाकर माहौल बनाते थे वे अपने साथ गेरू या नील का डिब्बा भी रखते थे जिससे दीवारों पर प्रत्याशी को वोट देने की अपील लिखते थे