दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए इस बार जोरदार तैयारी चल रही है।15 अक्टूबर से प्रदूषण से निपटने के कड़े प्रावधान लागू हो जाएंगे। दिल्ली और पूरे एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू होगा।ये पिछले दो वर्षों से दिल्ली और एनसीआर में लागू है।सवाल यह है कि फिर इस दिशा में नया क्या हो रहा है? नया ये है कि पिछले वर्षों में सिर्फ दिल्ली पर फोकस था। इस बार दिल्ली के साथ पूरे एनसीआर में प्रदूषण से निपटने वाले सख्त प्रावधान लागू होंगे।एनसीआर में भी डीजल जेनरेटर चलाने पर बैन होगा।प्रदूषण रोकने वाले कड़े प्रावधानों को लागू करना बड़ी चुनौती होगी. इसमें दिल्ली में ज्यादा मुश्किल नहीं है।दिल्ली में पावर कट कम होता है इसलिए डीजल जेनरेटर चलाने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन एनसीआर में पावर कट काफी ज्यादा होता है। ऐसे में बिना डीजल जेनरेटर चलाए कैसे काम चलेगा?इस बार प्रदूषण से निपटने के लिए स्टेप बाई स्टेप इंतजाम किए जा रहे हैं। जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ेगा प्रदूषण से निपटने के उपाय सख्ती से लागू किए जाएंगे।ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान इमरजेंसी वाली व्यवस्था है।इसका राज्य सरकारों द्वारा प्रदूषण से निपटने के लिए साल भर चलने वाले प्रोग्राम से कोई लेना देना नहीं है।जैसे ही हवा की क्वालिटी खराब से बेहद खराब होती है, ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के प्रावधान लागू होने शुरू हो जाते हैं।हवा की क्वालिटी अत्यधिक खराब होने की हालत में स्कूल –कॉलेज बंद करने से लेकर ऑड-ईवन लागू करने का प्रोग्राम लागू किया जाता है। इस मामले में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान कामयाब रहा है। प्रदूषण की मात्रा देखकर एक्शन में आने की वजह से इसका सकारात्मक असर दिखा है। इस प्लान में सरकार की विभिन्न एजेंसियों के साथ पड़ोसी राज्य सरकारों की एजेंसियों के साथ तालमेल बनाया गया है। दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की करीब 13 एजेंसियां इससे जुड़ी हैं।इसी की वजह से पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों के प्रदूषण में कमी आई है। इस प्लान की सबसे बड़ी बात है कि इसने प्रदूषण से निपटने का डेडलाइन फिक्स कर दिया। हर एक्शन का एक डेडलाइन दिया गया। हर एजेंसी को प्रदूषण से निपटने का डेडलाइन दिया गया है।इस बार दिल्ली में सर्दियों के बढ़ने के साथ ही प्रदूषण की समस्या शुरू हो गई है। एजेंसियों ने इससे निपटने की तैयारी पहले से कर रखी है। प्रदूषण समस्या ना केवल दिल्ली बल्कि पुरे देश की समस्या है। तो क्या हम इस प्रदूषण को कम करने के लिए बिना किसी प्रावधान के कुछ नहीं कर सकते.? क्या हम अपनी सुविधाओं में थोड़ी कटौती कर प्रदूषण कम करने में अपना सहयोग नहीं दे सकते.? क्या केवल कानून और सरकार के प्रयासों से प्रदूषण कम हो पायेगा ..?आप अपने विचार और अनुभव हमारे साथ साझा करें अपने फोन में नंबर 3 दबा कर।अगर यह खबर अच्छी लगी तो लाईक का बटन जरूर दबायें।