शिवपुरी बात 1951 की है चुनाव में उतरे प्रत्याशी प्रचार के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को किराए की साइकिल चलाते थे कार्यकर्ता इन साइकिलों से गांव गांव जाकर माहौल बनाते थे वे अपने साथ गेरू या नील का डिब्बा भी रखते थे जिससे दीवारों पर प्रत्याशी को वोट देने की अपील लिखते थे