सभी कार्यों को लेकर योगिता के मापदंड तय किए जाते हैं विकास के लिए जरूरी है कि नेताओं को शैक्षणिक योगिता के साथ तकनीकी ज्ञान भी हो संविधान में योग्यता निर्धारण के लिए संशोधन किया जाना चाहिए विभाग भी शैक्षणिक योगिता बौद्धिक क्षमता एवं कार्य कुशलता के आधार पर ही होनी चाहिए।