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फूलो हसदा,पोटका से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाह रहे है की 10 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चो के साथ बाल यौन शोषण होता है क्योकि उस समय बच्चियो का बोल-चाल,रंग-ढंग बदल जाता है और उनमे शारीरिक बदलाव आते है जिस कारण उन्हें कोई भी बात बतलाने से डर लगता है.इसलिए 10 वर्ष के बाद माँ-बाप को अपनी बच्चो के साथ माँ-बाप जैसा नहीं दोस्त जैसा वयवहार करना चाहिए तभी बच्चो के दिल की बात को जान सकते है और इनका कहना है की हमें बेटियो की पढ़ाई तथा आजादी को नहीं बाल यौन शोषण को दूर भगाना है।

फूलो हसदा,पोटका से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाह रहे है की घर के परिवार के बच्चो में भेद-भाव बाल यौन शोषण का कारण है.क्योकि स्कूल जाने के लिए बेटी को पैदल तथा बेटा को साइकिल दिया जाता है.उस जगह में भी बेटी कभी कभी स्कूल अकेली चली जाती है.ऐसे समय में बच्चो को जायदातर मुश्किलो का सामना करना पड़ता है।अगर बेटी साइकिल से जाना चाहती है तो उसे मना कर दिया जाता है और कहा जाता है की वो बेटा है तो वह स्कूल साइकिल से ही जायेगा और तम्हे जाना है तो वरना मत जाओ।इसके लिए सरकार द्वारा साइकिल वितरण रहा है तथा इनका कहना है की बाल यौन शोषण को रोको न की बढ़ावा दो।

फूलो हसदा,पोटका से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाह रहे है की अगर बच्ची रोज स्कूल जाते जाते अचानक कतराने लगती है तो बच्ची चुपचाप रहने लगती है और किसी से बात करने से डरती है परन्तु कई जगह देखा जाता है की बच्ची को मार-पीट कर स्कूल भेजा जाता हैऔर वह स्कूल चल जाती है ऐसी स्थिति में वह अपनी दोस्त को अपना दुखड़ा सुनाती है परन्तु अपनी माँ-बाप को नहीं बता पाती है.अतः इनका कहना है की अगर ऐसे लक्षण बेटी में देखने को मिलता है तो उसे प्यार से पूछना चाहिए क्योकि बिना कारण के ऐसे भाव देखने को नहीं मिलेगी और ये भी बाल शोषण का कारण है।

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