झारखंड राज्य के बोकारो ज़िला के कसमार प्रखंड से कमलेश महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कसमार प्रखंड सोनपुरा पंचायत के निवासी इस लॉक डाउन की समस्या के परेशान हो रहे हैं।सोनपुरा पंचायत वासियों को गिरिडीह ज़िले के कुलगो गैस एजेंसी द्वारा गैस सिलेण्डर का वितरण नहीं किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि गिरिडीह जिला काफ़ी दूर होने के कारण लोग खुद से जा कर सिलेंडर नहीं ले पा रहें हैं।इस विषय में सोनपुरा निवासी समाजसेवी ने बताया कि गिरिडीह जिले के कुलगो गैस एजेन्सी द्वारा सोनपुरा पंचायत वासियों के बीच गैस कनेक्शन दे दिया गया है। लेकिन एजेंसी द्वार कभी भी समय पर सिलेंडर रिफलिंग करने नहीं आते हैं और दो तीन माह तक गायब भी हो जाते हैं।वर्तमान संकट की घड़ी में गैस नहीं मिलने से स्थानीय उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।कोरोना माहमारी के कारण पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया गया है और लोगों को घरों में सुरक्षित रहने का आदेश दिया गया है। साथ ही सरकार द्वारा गैस भराने के लिए राशि उनके खाते में जमा भी कर दिया गया है।परन्तु कुलगो गैस एजेंसी द्वारा गैस वितरण नहीं किये जाने के कारण लोगों को लॉक डाउन में कई तरह की दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है।

झारखंड राज्य के बोकारो ज़िला के झारीडीह प्रखंड के गायछन्दा पंचायत से सुरेंद्र नाथ महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना निकाला गया। ताकि गरीब तबके के लोगों को इसका लाभ मिल सके। लेकिन सरकार की इस योजना का लाभ जरूरत मंद लोगों को ना मिल कर सुख सम्पन्न लोगों को मिल रहा है। जिन लोगों को उज्वला योजना के तहत लाभ प्राप्त हुआ है ,उन्हें घर तक गैस सिलिंडर नहीं पहुँचाया जाता है। गैस के लिए 850 रूपए शुल्क लिया जाता है।जब भी ग्रामीण इसके जायजे के लिए पंचायत स्तर पर जाते हैं, तो उन्हें यह कह कर टाल दिया जाता है कि आपका फॉर्म भर कर जमा कर दिया गया है जल्द ही मिल जाएगा। वर्तमान स्थिति में सरकार द्वारा कोरोना वायरस से बचने के लिए सभी को अपने घरों में सुरक्षित रहने का सन्देश दिए है। साथ ही उज्ज्वला योजना के लाभुकों को नि:शुल्क गैस सिलेंडर भी दिया जा रहा है और उन्हें खाते में पैसा भी दिया जा रहा है। लेकिन गायछन्दा वासी अभी तक इसके लाभ से कोशों दूर हैं। अतः इसकी जाँच कर जरूरत मंद लाभुक को इसका लाभ दिया जाए।

झारखंड राज्य के बोकारो जिला के कसमार प्रखंड से कमलेश जायसवाल मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि प्लस टू उच्च विद्यालय कसमार में क्वॉरेंटाइन सेन्टर बनाये जाने से स्थानीय ग्रामीणों सहित क्षेत्र में रह रहे 13 व्यक्तियों को काफी परेशानी हो रही है।क्वॉरेंटाइन सेन्टर रहने के कारण स्थानीय ग्रामीण काफी असहज महसूस कर रहे है।

झारखंड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह से जे एम रंगीला मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि झारखंड राज्य में ग्राम पंचायत का वित्तीय चुनाव दिसंबर 2015 में संपन्न हुआ। पंचायत राज्य व्यवस्था का झारखंड के गठन के उपरान्त 2010 में प्रथम चुनाव हुआ था। चुकी गुंजाडीह नावाडीह प्रखंड का एक अनोखा पंचायत है। जिसमे मात्र एक ही राजस्व गाँव गुंजाडीह अवस्थित है। जहाँ वीणा देवी सहिया के पद पर कार्यरत थी। उसके बाद 2015 पंचायत चुनाव में वे गुंजाडीह पंचायत की मुखिया चुनी गई थी। ततपश्चात सहिया का पद रिक्त हो चुका है। वहीँ डेढ़ वर्ष पूर्व उपविकास आयुक्त बोकारो के आदेश से ग्रामसभा आयोजित कर सहिया का चुनाव किया जाना था। परन्तु मुखिया के वजह से यह चुनाव अधूरा ही रह गया और आज भी गुंजाडीह पंचायत में सहिया का पद खाली पड़ा हुआ है।जबकि एक सहिया का पद स्वास्थ्य सेवाओं में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है।सहिया नहीं रहने के कारण महिलाओं को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।कई बार प्रखंड के प्रमुख विधायक,सांसद,जनता क्षेत्र के विकास के लिए बड़े-बड़े वादे करते हैं।पर विगत चार वर्षों से यह पद रिक्त पड़ा हुआ है और इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।

झारखंड राज्य के बोकारो जिला के चास प्रखंड से मिथलेश कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि चास प्रखंड के अंतर्गत 19 पंचायतों को काट कर पिंड्राजोरा को नए प्रखंड बनाने के लिए बोकारो विधायक श्री विरंचि नारायण ने विधान सभा बजट सत्र में उठाया था।जिसमे चास प्रखंड के क़ुरा,कंसीझारिया,भंडरो,परपोखर,बाबुडीह, पिंड्राजोरा इत्यादि पंचायतों को मिला कर नए प्रखंड का निर्माण किया जाना था। वहीँ जनगणना 2011 के अनुसार लोगों की कुल जन सँख्या एक लाख दो सौ पैंतालीस है।यदि गाँव के लोगों को कोई जरुरी कार्य करना पड़े तो उन्हें चास प्रखंड आने जाने के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ती है।अतः ग्रामीणों ने जल्द से जल्द प्रखंड बनाने की मांग अधिकारियों से की है।

झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो जरीडीह प्रखंड से शिवनारायण महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि जरीडीह प्रखंड के उच्च विद्यालय बांडीह के मुख्य द्वार के समीप स्थित नाले का स्लैब टूट गया है। इस कारण यहाँ हर वक्त हादसों की आशंका बनी हुई है। बच्चों को स्कूल आने जाने में यह मार्ग जानलेवा बनी हुई है। इस पर ना स्थानीय जन प्रतिनिधि और ना किसी जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान है। उच्च विद्यालय बांडीह में प्रत्येक वर्ष मेट्रिक और इंटर परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केंद्र बनाता जाता रहा है।इस वर्ष भी यहाँ परीक्षा केंद्र बनाया गया है। स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य अरुण कुमार सिंह के अनुसार स्कूल में मेट्रिक के लगभग 450 ,इंटर के 550 परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे हैं। प्रधानाचार्य ने बताया कि मुख्य द्वार के समीप स्थित नाले का स्लैब टूट जाने को लेकर कई बार मौखिक एवं लिखित रूप से जन प्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारीयों को अवगत कराया लेकिन अभी तक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। नतीजतन आज भी स्कूल के मुख्य द्वार के समीप स्थित नाले का टुटा स्लैब जानलेवा बना हुआ है।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला पेटरवार प्रखंड से नागेंद्र महतो , मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बोकारो जिला में वित्त वर्ष 2019-20 में मनरेगा योजना के लाभुकों को पंप सेट नहीं मिला है। जिसके कारण बोकारो जिले के किसानों में मायूसी छाई हुई है। विदित हो कि मनरेगा योजना के तहत लाभुकों को कोड दिया गया है ,उन्हें पानी का पम्प सेट भी देना अनिवार्य है। सूत्रों की माने तो इस मद की 85 प्रतिशत राशि घटा दी गयी है। यदि पम्प सेट के लिए फ़रवरी महीने में इसकी संचिका का अनुमोदन जिले के वरिष्ठ अधिकारी करते हैं तो मात्र 15 प्रतिशत किसानों को ही पम्प सेट उपलब्ध कराया जा सकता है। सूत्र यह भी कहते हैं कि अगर संचिका का अनुमोदन नहीं किया गया तो पम्प सेट की आयी राशि घटा दी जाएगी और जिसके कारण किसानों को लाभ नहीं मिल पायेगा।

झारखंड राज्य के बोकारो जिला के जरीडीह प्रखंड से शिवनारायण महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि जरीडीह प्रखंड अंतर्गतगायछन्दा पंचायत के ग्राम तिरु टोला धावा टांड़ में बजरंगबली मंदिर से टेंडराबांध तक सड़क निर्माण का कार्य कराया जाना था। पर संवेदक द्वारा सड़क को बजरंगबली मंदिर के सामने से टेंडराबांध तक ना बना कर अधूरा ही छोड़ दिया गया। इस विषय पर जब ठेकेदार से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि हमें सिर्फ 480 फिट लम्बी सड़क बनाने की ही स्वीकृति मिली थी। इससे अधिक कार्य नहीं हो सकता। वहीँ सड़क अधुरा रहने के कारण ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड से जे.एम रंगीला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गोमिया प्रखंड के आदिवासी बहुल पंचायत सिरायी के अंतर्गत बोसे राजस्व नाम का गाँव स्थित है। जहाँ गोमिया वन क्षेत्र के गोसेबिट में फ़रवरी-मार्च 2019 में बाँस बख़ार के कार्य में बोसे राजस्व गाँव से कई मजदूरों ने चार-चार माह तक कार्य किया था और मजदूरों को 237 रूपए प्रतेकदिन की मजदूरी के अनुसार 6162 रूपए एक माह की मजदूरी के रूप में दिया जाना था। पर विडंबना यह है कि सभी मजदूरों को इतना पैसा अब तक नहीं मिला। जब मजदूरों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि किसी मजदुर को चार हजार तो किसी मजदुर को पांच या छः हजार रूपए का ही भुगतान किया गया है। अर्थात सभी मजदूरों को केवल एक माह का ही वेतन मिला है और शेष तीन माह का मजदूरी आठ मजदूरों का लगभग एक लाख चौवालीस हजार के करीब की राशि का भुगतान अब तक लंबित पड़ा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार वन रक्षी,वन पाल के साथ-साथ वन विभाग के उच्चाधिकारीयों द्वारा राशि की निकासी कर बंदरबाट किया जा चूका है। इस विषय पर झारखंड राज्य किसान सभा के सयुंक्त सचिव श्याम सुन्दर महतो ने बोकारो के उपायुक्त मुकेश कुमार तथा बोकारो के उपश्रमायुक्त से अविलम्ब बकाया मजदूरी की भुगतान करने की मांग की है।

झारखंड राज्य के बोकारो जिला के चन्द्रपुरा प्रखंड से नरेश महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि तारामारी किसान बाजार स्थित विधुत सबस्टेशन का कार्य लगभग आठ-दस वर्षों से लंबित पड़ा हुआ है। जबकि ग्रामीणों की मांग पर पूर्व ऊर्जा मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह एवं डुमरी विधायक जगरनाथ महतो ने सयुंक्त रूप से सबस्टेशन के कार्य का शिलन्यास किया था। पर आज तक इसे चालु नहीं किया गया है। विशेष सूत्रों के अनुसार किसान बाजार में ग्रामीणों ने एक बैठक कर यह निर्णय लिया गया कि यदि इस कार्य को पुनः गति दे कर चालु नहीं किया गया तो ग्रामीण इस विषय को लेकर आंदोलन करने पर वाध्य हो जाएगी।