प्रवासी मजदुर छोटे लाल उराँव का शव शनिवार की सुबह पंहुचा। जिसका ख़बर कंजकीरो गांव में आग की तरह फ़ैल गया। देखते ही देखते गांव में शोक का लहर दौड़ गया। वहीं छोटेलाल उरांव की माँ शकुंतला देवी और बहन रो रो कर बेहोश हो जा रहे थे