आज हम आपको बताएँगे केला और उसके रंगो के आधार पर इनका सेवन कितना और कैसे करने पर होगा लाभकारी। मशहूर स्पोर्ट्स डाइटीशियन र्यान पिंटो ने केले के गुणों पर एक रिपोर्ट जारी करके बताया है कि यह बहुत गुणकारी फल है, लेकिन इसका सेवन इसके बदलते रंगों के आधार पर करके ज्यादा पौष्टिकता हासिल की जा सकती है। हरा केला इसके स्वाद पर मत जाइए, सबसे गुणकारी केले का यही रूप होता है। चूंकि इस स्तर पर शुगर सबसे कम होती है। इसके प्रतिरोधी स्टार्च इंसान के पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।पीला केला स्पोट्र्स डाइटीशियन र्यान के अनुसार यह मुलायम और ज्यादा मीठा होता है। इसमें शुगर ज्यादा होती है फिर भी सुपाच्य होता है।चित्तीदार केला भूरे रंग के धब्बे सिर्फ केले की आयु ही नहीं बताते हैं बल्कि ये भी संकेत देते हैं कि इसका अधिकांश स्टार्च शुगर में बदल चुका है। किसी केले पर जितने भूरे धब्बे होंगे उसमें उतनी ही शुगर होगी। हालांकि ये भूरे धब्बे थोड़ी मात्रा में ही सही, लेकिन प्रतिरोधी प्रणाली के दुरुस्त करने में सहायक होते हैं। चित्तीदार केले में इतना अधिक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं कि कई शोधों में इसे कैंसर से लड़ने में सहायक माना गया है। ट्यूमर को खत्म करने वाले ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर का इन भूरे धब्बों से संबंध होता है। क्या आपको पता था केले के रंगो के आधार पर इनके सेवन के लाभों के बारे में..? आप केले का सेवन अब तक सिर्फ स्वाद के लिए करते थे तो क्या इस जानकारी के बाद आप केले रंगो के आधार पर इनका सेवन शुरू करेंगे .? अगर यह जानकारी आपको लाभप्रद लगी तो लाइक करें इस खबर को साथ ही हमारे साथ साझा करें अपने कीमतों विचार और अनुभवों को अपने फोन में नंबर में 3 दबा कर।