मुस्ताक जौरपुर पुलिस थाना नानपुर जिला सीतामढ़ी आपको बता दें कि जब बच्चे लोगों को पढ़ाते थे जाता है नूराने काड़ा तो तख्तियार नंबर दो का माया दिया है , तख्तियार नंबर दो में है मुलखाबाद मिले हुरुश को मुलखाबाद है ये तो तो दिया था , आज हमें तख्तियां नंबर तीन कैसे बच्चे लोगों के लिए । हाय जाता है तो तख्ती नंबर तीन में क्या है हवाकार तख्ती नंबर तीन में हवाकार अब यह समझना है कि हरकत तख्ती नंबर तीन हरकत जबर जेल पेश को हरकत क्या कहा जाता है । वे कहते हैं कि जब्बर दर पेस को हरकत है और जब्बर दर पेस को जलदी पढ़ाई भी कुछ भी दिखने नहीं कुछ अलिफ हुआ है जो अलिफ खाली नहीं हो वो हमता है जब्बर की आवाज़ ऊपर । हो उटा है ये तख्त नंबर तीन , एक बार फिर आपको दोहराएँ कि तख्त नंबर तीन में , हलाकत जबरदार पेश को हरकत कहा जाता है । जबर डेर पेश को जल्दबाजी में थोड़ा भी नहीं खींचा जाना चाहिए ताकि अलिब खाली न हो । हमात जबर की आवाज़ हमता जबर बा जबर ता जबर सा जबर जी जबर की तरह उठती है । जबर है और पहले रहना है वास्तव में यानी जबर को जबरार पेश को हल्दी पड़ रही है भी भी नहीं पकना है इस तरह से बच्चों को दरास की तरह पढ़ाया जाता है ।