पिछले 10 सालों में गेहूं की एमएसपी में महज 800 रुपये की वृद्धि हुई है वहीं धान में 823 रुपये की वृद्धि हुई है। सरकार की तरफ से 24 फसलों को ही एमएसपी में शामिल किया गया है। जबकि इसका बड़ा हिस्सा धान और गेहूं के हिस्से में जाता है, यह हाल तब है जबकि महज कुछ प्रतिशत बड़े किसान ही अपनी फसल एमएसपी पर बेच पाते हैं। एक और आंकड़ा है जो इसकी वास्तविक स्थिति को बेहतर ढ़ंग से बंया करत है, 2013-14 में एक आम परिवार की मासिक 6426 रुपये थी, जबकि 2018-19 में यह बढ़कर 10218 रुपये हो गई। उसके बाद से सरकार ने आंकड़े जारी करना ही बंद कर दिए इससे पता लगाना मुश्किल है कि वास्तवितक स्थिति क्या है। दोस्तों आपको सरकार के दावें कितने सच लगते हैं। क्या आप भी मानते हैं कि देश में गरीबी कम हुई है? क्या आपको अपने आसपास गरीब लोग नहीं दिखते हैं, क्या आपके खुद के घर का खर्च बिना सोचे बिचारे पूरे हो जाते हैं? इन सब सरकारी बातों का सच क्या है बताइये ग्रामवाणी पर अपनी राय को रिकॉर्ड करके

देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।

साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में हम आपको बता रहे है कि बरसात के पानी को कैसे संरक्षित कर भूजल को बढ़ाने में हम अपना योगदान दे सकते है। आप हमें बताइए गर्मियों में आप पानी की कौन से दिक्कतों से जूझते हैं... एवं आपके क्षेत्र में भूजल कि क्या स्थिति है....

मधुबनी सांसद डॉ.अशोक कुमार यादव ने प्रवास के दौरान लोगों को केन्द्र सरकार के जनकल्याणकारी योजनाओं की दी जानकारी दरभंगा। भाजपा की देश व्यापी अभियान " गांव चलो " के तहत मधुबनी के सांसद डॉ. अशोक कुमार यादव ने पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ 86 - केवटी विधानसभा क्षेत्र के करजापट्टी पंचायत अन्तर्गत बूथ संख्या - 158 से संबंधित गांव करजापट्टी में प्रवास किया। प्रवास के दौरान उन्होंने लोगों को केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं व उपलब्धियों एवं देश हित में लिए गए ऐतिहासिक व उठाए गए निर्णायक कदमों की विस्तृत रूप से जानकारी दी और कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास की गाथा लिखा है। इस दौरान सांसद ने योजनाओं से लाभान्वित मौजूद लाभुकों से जानकारी ली। लाभुकों ने बड़े जोश के साथ एक स्वर में हां हमें प्रधानमंत्री आवास, निःशुल्क राशन , आयुष्मान कार्ड, शौचालय, उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर एवं चूल्हा मिला हैं। हर घर नल से जल भी मिल रहा है।" सांसद के पूछने पर की इस बार किसको प्रधानमंत्री बनाईएगा तो उपस्थित बच्चे , नौजवान ,महिलाएं एवं बुजुर्गों ने एक स्वर में कहा अबकी बार 400 पार ,एक बार फिर मोदी सरकार। प्रवास कार्यक्रम में सांसद प्रतिनिधि राम नरेश यादव यदुवंशी ,पार्टी के जिला उपाध्यक्ष दिलीप भारती , पूर्व जिला प्रवक्ता श्रवण कुमार मिश्र , भाजपा युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष ज्ञान रंजन चौधरी , पूर्व अध्यक्ष रमण कुमार झा ,उमेश पासवान सहित अन्य कई शामिल थे।

दोस्तों,सूरज से मिलने वाली ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। इंदौर जिले के महू से लेफ्टिनेंट कर्नल अनुराग शुक्ला ऊर्जा के बारे में जरुरी जानकारी दे रहे हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी जानकारी..

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत देश के लगभग 1 करोड़ लोगों को इससे फायदा पहुंचेगा। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी जानकारी

सरकार हर बार लड़कियों को शिक्षा में प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग योजनाएं लाती है, लेकिन सच्चाई यही है कि इन योजनाओं से बड़ी संख्या में लड़कियां दूर रह जाती हैं। कई बार लड़कियाँ इस प्रोत्साहन से स्कूल की दहलीज़ तक तो पहुंच जाती है लेकिन पढ़ाई पूरी कर पाना उनके लिए किसी जंग से कम नहीं होती क्योंकि लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने और पढ़ाई करने के लिए खुद अपनी ज़िम्मेदारी लेनी पड़ती है। लड़कियों के सपनों के बीच बहुत सारी मुश्किलें है जो सामाजिक- सांस्कृतिक ,आर्थिक एवं अन्य कारकों से बहुत गहरे से जुड़ा हुआ हैं . लेकिन जब हम गाँव की लड़कियों और साथ ही, जब जातिगत विश्लेषण करेंगें तो ग्रामीण क्षेत्रों की दलित-मज़दूर परिवारों से आने वाली लड़कियों की भागीदारी न के बराबर पाएंगे। तब तक आप हमें बताइए कि * -------आपके गाँव में या समाज में लड़कियों की शिक्षा की स्थिति क्या है ? * -------क्या सच में हमारे देश की लड़कियाँ पढ़ाई के मामले में आजाद है या अभी भी आजादी लेने की होड़ बाकी है ? * -------साथ ही लड़कियाँ को आगे पढ़ाने और उन्हें बढ़ाने को लेकर हमे किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ?

लोकतंत्र का उत्सव इन चुनावों ने राजनेताओं और जनता को बहुत से सबक दिये हैं। ऐसे सबक जो केवल चुनावी राजनीति में नहीं बल्कि जीवन के हर पहलू में हमें सीखना जरूरी सा है। ये सबक आज के आज़ाद भारत के समाज को समझने के लिए बेहद जरूरी हैं।

दोस्तों , MDM या मध्याह्न भोजन योजना को दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल फीडिंग प्रोग्राम माना जाता है। इस योजना के तहत प्राथमिक स्तर पर प्रत्येक बच्चे के लिए 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन और उच्च प्राथमिक स्तर पर 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन वाला मध्याह्न भोजन दिया जाता है। लेकिन ये तो सरकार के वेबसाइट और कार्यक्रम में सुनने में अच्छा लगता है। आज भी कई जगहों पर हकीकत कुछ और ही है। हमारे समाज में वैसे सामाजिक संस्कार पल बढ़ रहे हैं जिनका सही तरह के सवाल पूछने से कोई लेना देना नहीं हो रहा है। हमारे समाज का लोकतंत्र ऐसी बेकार की बातों से सड़ रहा है। लोगों में नागरिकता का एहसास पैदा नहीं किया जा रहा है। उन्हें नहीं बताया जा रहा है कि वह तभी ठीक ढंग से जी पायेंगे जब वह सरकार और प्रशासन से सही तरह के सवाल पूछेंगे। केवल एक दिन नहीं हर दिन पूछेंगे। तभी गंगा साफ़ हो पाएगी और स्कूलों के मिड डे मील में धाँधली नहीं होगी। तभी दूध की जगह पानी और रोटी के साथ नमक नहीं मिलेगा। आप हमें बताइए कि *--------- आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की स्थिति क्या है ? *--------- आपने क्षेत्र या गाँव के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कैसा पौष्टिक खाना मिलता है है ? *---------- साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।