बिहार राज्य के मधुबनी जिला के बेनीपट्टी प्रखंड से चन्दन कुमार ने स्थानीय निवासी नितिन कुमार मंडल से मधुबनि मोबाइल वाणी के माध्यम से बातचीत की। नितिन कुमार मंडल ने बताया कि पर्यावरण में तापमान बढ़ने से पशु-पक्षी व मनुष्यों में इसका असर देखने को मिल रहा है। मनुष्य किसी भी परिस्थिति में अपना बचाव कर लेते हैं लेकिन पशु पक्षियों के लिए बहुत बड़ी समस्या होती है जिस कारण वे अपना बचाव नहीं कर पाते हैं। पानी की कमी के कारण कई पशु-पक्षी मर जाते हैं। वर्तमान स्थिति की अपेक्षा में पहले पक्षियों की चहचहाने की आवाज़ सुनने को मिलती थी। बदलते मौसम के कारण उन्हें दाना -पानी नहीं मिल पाता है जिस कारण वे विलुप्त होते जा रहे हैं। बचे हुए पक्षी भी विलुप्त ना हो जाये इसके लिए उन्हें समय समय पर दाना -पानी देते रहना चाहिए
बिहार राज्य के जिला मधुबनी से रिंकी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि मौसम परिवर्तन के कारण वर्षा नहीं हुई और धान की फसल अच्छी नहीं हो पायी। और खेती के लिए किसानो ने थ्रेसर किराये पर लिया था उसका किराया भी नहीं जुटा पाए। इस वजह से किसान बहुत परेशान है।
बिहार राज्य के जिला मधुबनी से पिंकी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि मौसम परिवर्तन का प्रभाव न सिर्फ मनुष्य पर बल्कि जानवरो पर भी पड़ा है। समय पर वर्षा नहीं होने के कारण धान की फसल अच्छी नहीं हुई। किसानो को बहुत नुक्सान हुआ है। और जानवरो के लिए भी चारा नहीं हुआ। किसान खेती कर के ही अपना भरण पोषण करते है। अगर किसान का ही पेट नहीं भरेगा तो जानवर का कैसे भरेगा। धान की उपज अच्छी नहीं होने के कारण धान भी महंगा हो गया है। जो धान बेचते है उनके लिए तो अच्छा है किन्तु जो लोग धान खरीद कर खाते है वह बहुत दुखी है। क्योंकि गेहूं तो महंगा था ही अब चावल भी बहुत महंगा हो गया है। इसलिए जलवायु परिवर्तन का मनुष्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है
बिहार राज्य के मधुबनी जिला से मोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से जैविक खाद के विषय पर मिल्की कुमारी से साक्षात्कार लिया । मिल्की कुमारी ने बताया की जैविक खेती फल और सब्जी के उत्पाद में बहुत मददगार है। जैविक खेती करने से यह मिट्टी को पकड़ कर रखता है जो किसी भी प्रकार के रसायनो और कीटनाशकों से पूरी तरह मुक्त है इस तरह हम मिटटी की उर्वरता को बढ़ाने में सक्षम है।
बिहार राज्य के माध्यम ज़िला से अनधिरा कुमारी ,मधुबनी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि जैविक खाद का इस्तेमाल करने से अच्छी खेती होती है। सब्ज़ी ,फलों की गुणवत्ता बढ़ती है। जैविक खाद बनाने की विधि आसान है। जैविक खाद के प्रयोग से भूमि अवस्था में सुधार होता है। जिससे भूमि में वायु संचार में वृद्धि होती है और जीवाश्म पदार्थ का भी निर्माण होता है।
बिहार राज्य के माध्यम ज़िला से पिंकी कुमारी ,मधुबनी मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला से बात कर रही है। ये बताती है कि समय पर बारिश नहीं होने से धान की खेती नहीं हुई। जानवरों का चारा भी कम हो गया है। मवेशियों के लिए चारा की दिक्कत हो गई
बिहार राज्य के जिला मधुबनी से मोनी ने जैविक खाद के विषय पर प्रियंका कुमारी से साक्षात्कार लिया प्रियंका कुमारी ने बताया जैविक खाद का उपयोग करना अच्छा होता है। रासायनिक खाद् बनावटी खाद् है इससे पोषक तत्व नहीं मिल पाते है और वह फसल खाने से हम बीमार पड़ जाते है।
बिहार राज्य के जिला मधुबनी से मोनी ने जैविक खाद् के विषय पर राधिका से साक्षात्कार लिया। मोनी ने बताया अब किसान रासायनिक खाद का उपयोग करते है जिससे कई तरह की बीमारियाँ होती है। पहले लोग स्वस्थ रहते थे अब लोग अस्वस्थ रहते है क्योंकि किसान जैविक खाद का उपयोग करना ही भूल गए है। राधिका ने बताया जैविक खाद के उपयोग से मिटटी को आवश्यक पोषक तत्व मिलते है जिससे फसल के जैविक गुणों म वृद्धि होती है और लोग बीमार नहीं होते हैं
बिहार राज्य के मधुबनी से पिंकी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला से बात कर रहीं हैं। ये महिला का कहना है की बारिश नहीं होने के कारण धान की खेती नहीं हो पाई है और अब गेहू की भी खेती नहीं हो रही है तथा पशु के लिए भी चारा नहीं इंतज़ाम हो पा रहा है इसी लिए ये अपने मवेशी को बेचने का सोच रहीं हैं
बिहार राज्य के जिला मधुबनी से रंजना ने जैविक खेती के विषय पर निर्मला देवी से साक्षात्कार लिया। निर्मला देवी ने बताया जैविक खेती में सब्जियाँ या फसल में जैविक खाद जैसे केंचुआ खाद,कीटनाशक गोबर खाद का उपयोग किया जाता है।यह पूर्णरूप से प्राकर्तिक खेती होती है इसमें रासायनिक खाद या रासायनिक उर्वरको का उपयोग नहीं किया जाता है।