लड़कियों के सपने सच में पुरे हो , इसके लिए हमें बहुत सारे समाजिक बदलाव करने की ज़रूरत है। और सबसे ज्यादा जो बदलाव की ज़रूरत है, वो है खुद की सोच को बदलने की। शिक्षा महिलाओं की स्थिति में बड़ा परिवर्तन ला सकती है लेकिन शिक्षा को लैंगिक रूप से संवेदनशील होने की जरूरत है। गरीब और वंचित समूह के बच्चों को जीवन में शिक्षा में पहले ही सीमित अवसर मिलते हैं उनमें से लड़कियों के लिए और भी कम अवसर मिलते हैं, समान अवसर तो दूर की बात है। सरकारी स्तर पर जितने ही प्रयास किये जा रहे हों, यदि हम समाज के लोग इसके लिए मुखर नहीं होंगे , तब तक ऐसी भयावह रिपोर्टों के आने का सिलसिला जारी रहेगा और सही शौचालय न होने के कारण छात्राओं को मजबूरी में स्कूल छोड़ने का दर्द सताता रहेगा। तब तक आप हमें बताएं कि *----- आपके गांव में सरकारी स्कूल में शौचालय है, और क्या उसकी स्थिति कैसी है? *----- क्या आपको भी लगता है कि सरकारी स्कूल में शौचालय नहीं होने से लड़कियों की शिक्षा से बाहर होने का बड़ा कारण है *----- शौचालय होने और ना होने से लड़कियों की शिक्षा किस प्रकार प्रभावित हो सकती है?
साथियों, आये दिन हमें ऐसे खबरे सुनने को और देखने को मिलती कि फंलाने जगह सरकारी स्कुल की छत गिर गई या स्कुल की दिवार ढह गई। यहाँ तक कि आजकल स्कुल के क्षेत्र में लोग पशु भी बाँधने लगते है, अभी ऐसी ही खबर दैनिक भास्कर के रांची सस्करण में छपी। रांची के हरमू इलाके में जहाँ कुछ लोग वर्षो सेअपने दुधारू पशु को स्कुल से सटे दीवाल में बाँध रहे है और प्रशासन इस पर मौन है। ये हाल झारखण्ड की राजधानी रांची के एक सरकारी स्कुल का है , बाकि गाँव का हाल तो छोड़ ही दीजिये। क्या आपको पता है कि शिक्षा के अधिकार के नियम के तहत स्कुल में पीने का साफ़ पानी और शौचालय की बुनियादी सुविधा के अनिवार्य रूप से मुहैया करवाने की बात कही गयी है। और ये बेसिक सी चीज़े उपलब्ध करवाना सभी सरकारों का काम है। लेकिन जब 25 से 35 % स्कूलों का हाल ये हो तब किसे दोषी माना जाए ? सरकार को नेताओ को या खुद को कि हम नहीं पूछते??? बाक़ि हाल आप जान ही रहे है। तब तक, आप हमें बताइए कि ******आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में शौचालय और पानी की व्यवस्था कैसी है ? ****** वहां के स्कुल कितने शिक्षक और शिक्षिका पढ़ाने आते है ? ****** साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।
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सियानी पंचायत में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम आयोजित किया गया वार्ड संख्या 8 एवं 9 गांव बेलछी में सार्वजनिक स्थान में साफ सफाई कार्य का आयोजन किया गया इस बात की जानकारी देते हुए प्रखंड समन्वयक विनय कुमार ने बताया कि सियानी पंचायत वार्ड संख्या 8,9 में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत साफ-सफाई आयोजन किया गया मौके पर महिलाएं एवं पुरुष को प्लास्टिक और गंदगी से होने वाली बीमारी के बारे में बताया गया। एवं काफी संख्या में महिला एवं पुरुष एवं स्वच्छता पर्यवेक्षक उपस्थित हुए विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुने पूरी खबर।
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swachhata
स्वच्छता ही सेवा अभियान का शुभारंभ। जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने समाहरणालय के संवाद कक्ष में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा अभियान का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। यह अभियान 02 अक्टूबर तक चलेगा। इस मुहिम के तहत जमुई के प्रत्येक पंचायत के हर घर तक स्वच्छता का अलख जगाना है। हर घर से कूड़ा का उठाव , उसका उचित निपटान के साथ - साथ लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। अभियान के अंतर्गत हर पंचायत में 02 अक्टूबर तक स्वच्छता से संबंधित गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। निर्धारित कुल 17 दिनों में कचरा मुक्त भारत पर आधारित गतिविधियों को गति दी जाएगी। उन्होंने स्वच्छता को ही सिमरन इबादत और पूजा करार दिया। डीडीसी शशि शेखर चौधरी ने कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न पंचायतों के जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों को स्वच्छता ही सेवा अभियान से अवगत कराते हुए कहा कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत 15 सितंबर से 02 अक्टूबर तक इस मुहिम का संचालन किया जाना है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के मामले में भी जिले की उपलब्धि बेहतर है। श्री चौधरी ने इसके महत्व को समझते हुए इसे आत्मसात किए जाने की अपील की। डीआरडीए के निदेशक स्वतंत्र कुमार सुमन ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत 17 दिनों तक जिले के 152 पंचायतों के 1310 गांवों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता मुहिम चलाया जाएगा और विशेष गतिविधियों को गति दी जाएगी। इस अभियान के तहत प्रतिदिन एक गांव का चयन किया जाएगा जहां निर्धारित कार्यक्रम के तहत स्वच्छता से संबंधित गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी। 02 अक्टूबर को स्वच्छ भारत दिवस का आयोजन किया जाएगा जिसमें जिले के सभी पंचायतों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मुखिया एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को सम्मानित किया जाना है। जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी आर. के. दीपक , जिला सलाहकार राकेश कुमार , जिला समन्वयक नीरज कुमार समेत जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों के मुखिया जी ने कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज की और वांछित जानकारी को आत्मसात किया।
जलवायु की पुकार [श्रोताओं की सरगम] कार्यक्रम के अंतर्गत हम जानेंगे अलग अलग लोगों के योगदान के बारे में की कैसे पर्यावरण के समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।
जलवायु की पुकार [क्लाइमेट वॉयसेस हैंडबुक] कार्यक्रम के अंतर्गत हम जानेंगे बच्चो को पर्यावरण के बारे में शिक्षा देना, प्लास्टिक कचरा का सही निपटान करना और बच्चो को प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव के बारे में सीखना क्यों जरुरी है?