कोविड की दूसरी लहर का प्रकोप कम होते ही एक बार फिर से जो सवाल मुंह उठा रहा है वह है गरीब की थाली के भोजन का. सरकार ने एलान किया है कि गरीबों को दिवाली तक नि:शुल्क राशन दिया जाएगा पर सवाल ये है कि पुरानी व्यवस्था में भी बहुत से गरीब परिवार भूख से बिलखते रह गए और सरकारी मुलाजिम उन्हें दाना देने नहीं आया. साथियों, अगर आप भी नि:शुल्क राशन पाने वालों की श्रेणी में आते हैं तो हमें बताएं कि क्या जब से कोविड ने देश में पांव पसारे हैं तब से आपको नियमित रूप से सरकारी राशन मिल रहा है? अगर नहीं तो डीलर राशन देने से मना क्यों कर रहे हैं? जो लोग नया राशन कार्ड बनवाना चाहते हैं क्या उन्हें राशन कार्ड बनवाने में दिक्कतें आ रही हैं? अगर दिक्कतें हैं तो वे क्या हैं और क्या इस बारे में प्रखंड आपूर्ति ​अधिकारी या जिला अधिकारी की लिखित रूप से शिकायत की है? सरकार राशन ना मिल पाने की स्थिति में आप कैसे अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं? क्या कोविड के दौरान आपके परिवार को या आपको राशन ना होने पर भूखे पेट सोना पडा है? अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

महामारी के दौरान कृषि एकमात्र ऐसा क्षेत्र रहा, जिसने वृद्धि दर्ज की है. वहीं, इस बीच देश अपने ही प्रमुख किसानों के विरोध प्रदर्शनों का भी साक्षी बन रहा है. वे सिर्फ उनकी उपज के लिए न्यूनतम मूल्य का आश्वासन चाहते हैं. यकीनन यह इतिहास का पहला ऐसा किसान आंदोलन है. इसके अलावा यह चौंकाने वाली बात नहीं है कि देश में हर चौथा मतदाता एक किसान है, जो आर्थिक पतन के कारण संकटग्रस्त किसान बन चुका है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

गिद्धौर: राज्य नि:शक्तता आयुक्त के द्वारा अगामी 29 जनवरी 2021 को जमुई जिले के सभी प्रखण्डों के साथ-साथ गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय में भी सुबह 10 बजे से 3 बजे तक एक साथ दिव्यांगजनों के लिए चलन्त न्याययालय शिविर का आयोजन किया जा रहा है! इस शिविर में किन-किन तरह की समस्याओं का समाधान हेतु आवेदन दिया जा सकता है और उसके साथ किन किन कागजातों की जरूरत पड़ेगी पूरी खबरों को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें!