बिहार राज्य के जमुई ज़िला के सोनो प्रखंड के औरैया ग्राम से योगेंद्र प्रसाद यादव की बातचीत जमुई मोबाइल वाणी के माध्यम से छात्र रंजन कुमार से हुई। रंजन कुमार बताते है कि शिक्षा जीवन जीने का एक अनिवार्य हिस्सा है। लड़का हो या लड़की ,महिलाओं के अधिकार में शिक्षा की अहम भूमिका है। लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को रोकने में शिक्षित होना आवश्यक है। शिक्षा महिलाओं को जीवन के मार्ग को चुनने का अधिकार देने का पहला कदम है। एक शिक्षित महिला में कुशलता और आत्मविश्वास होता है जो उसे एक बेहतर महिला और माँ बनाती है। विकसित देश में महिला और पुरुष दोनों का सामान योगदान होना चाहिए

बिहार राज्य के जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता अमित कुमार सविता ने योगेंद्र से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि बेटी की पढाई और बेटी की भलाई कार्यक्रम बहुत ही गौरान्वित कार्यक्रम है। अगर हमारी बेटी पड़ेगी तो समाज का उत्थान होगा। बेटा अगर पढता है तो हमारे समाज का विकास होता है। लेकिन अगर बेटी पढ़ती है तो अपने कुल के अपने पिता के कुल का नाम रौशन करेगी ही और जब उसकी शादी होगी तो दूसरे परिवार में जा कर अपना नाम रौशन करेगी। इस तरह एक कुल नहीं दोनों कुल का विकास होगा नाम होगा और बेटी का नाम रौशन होगा। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता चंद्र शेखर आजाद ने आनंद पाठक से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि अगर बेटियाँ शिक्षित होंगी तो आगे उनका और उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सकता है। इसके साथ ही परिवार में भी सकारात्मक बदलाव आता है। सरकार तो बेटियों को शिक्षित करने के लिए काफी कोशिश कर रही हैं। लेकिन अभिभावकों को भी लड़का और लड़की के बीच का फर्क खत्म कर दोनों को सामान्य शिक्षा देना चाहिए। लड़कियों को भी अपना बेहतर भविष्य तलाशने का अवसर दिया जाना जरुरी है

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता चंद्र शेखर आजाद ने धर्मेंद्र कुशवाहा से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि बेटियों को जरूर पढ़ाना चाहिए। बेटियाँ समाज के विकास में अपनी अहम भूमिका अदा करती है। इसलिए बेटियों का शिक्षित होना बेहद आवश्यक है।बेटियों के शिक्षित उन्हें से ना केवल परिवार और समाज बल्कि पूरा देश विकास की ओर अग्रसर होगा। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के कारण आज बेटियों के शिक्षित होनी की सँख्या में इजाफा देखा जा रहा है

बिहार राज्य के जमुई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता योगेंद्र ने महेश यादव से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि आज के समय में भी कई लोग बेटियों को जन्म नहीं देना चाहते हैं। ऐसे ही कुछ लोग ऐसे भी हैं,जो बेटियों को बेहतर शिक्षा नहीं देना चाहते हैं। जो बहुत ही गलत है। बेटियों को भी पढ़-लिख कर आत्मनिर्भर बनने का मौका देना चाहिए

बिहार राज्य के जमुई जिले से अमित कुमार सविता ने "बेटियों की शिक्षा " विषय पर शिक्षक देवेंदर कुमार चौधरी से साक्षात्कार लिया। देवेंदर कुमार चौधरी ने बताया कि ये उत्क्रमित मध्य विद्यालय रघुनाथपुर में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। बेटा-बेटी में कोई अंतर नही है। इसलिए दोनों को समान शिक्षा देना चाहिए। ये बेटियों को पढ़ाने के लिए गार्जियन को जागरूक और प्रेरित करते हैं।समय समय पर जागरूकता रैली भी निकालते हैं। साथ ही देवेंदर कुमार ने कहा कि सरकार लड़की की शिक्षा एवं सम्मान के लिए कई योजनाएं चला रही है। जैसे - छात्रवृति योजना ,पोषक योजना,मुख्यमंत्री साईकिल योजना ,कीरब वितरण,इत्यादि। इन योजनाओं का असर देखने को मिल रहा है और लड़कियाँ शिक्षित हो रही हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य के जमुई जिले से अमित कुमार सविता ने गाज़ी बाबा से बेटी की पढाई विषय पर साक्षात्कार लिया। गाज़ी बाबा ने बताया कि पिछले कुछ सालों से बेटियों की पढ़ाई पर सरकार ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री ने बेटियों की शिक्षा पर काम किया है। बच्ची पढ़ेगी तो जरुरी नही है वो नौकरी करेगी और घर का विकास होगा ,बल्कि शिक्षित बेटी के घर का तहजीब होगा ।उसे मालूम होगा कैसे रहना,बैठना,उठना है एवं किसी के साथ कैसे बात करना चाहिए। बच्चे को पढ़ाने के लिए माँ का शिक्षित होना बहुत जरुरी है। साथ ही इनका कहना है कि सभी को अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहिए।सरकार बच्चों को कई सुविधाओं के साथ ड्रेस का पैसा भी दे रही है ,इसका लाभ उठाइए।

बिहार राज्य के जमुई ज़िला से अमित कुमार सविता की बातचीत जमुई मोबाइल वाणी के माध्यम से कुमारी शर्मिला से हुई । शर्मिला बताती है कि वो 2010 से शिक्षिका के रूप में समाज सेवा का कार्य कर रही है। उन्होने 2019 से अब तक 40 लड़कियों को निशुल्क शिक्षा व सिलाई कार्य सीखा कर आत्मनिर्भर बना चुकी है । महिलाएँ बहुत प्रताड़ित होती है। वो खुद अपने जीवन में प्रताड़ना सही है ,वो नहीं चाहती की अन्य महिलाएँ भी इनकी तरह प्रताड़ित हो इसलिए वो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही है। अगर लड़कियाँ शिक्षित होगी,आत्मनिर्भर बन जाएगी तो बच्चों और परिवार वालों की अच्छे से देखभाल करेगी ही। सिलाई का जो गुण सीख रही है उससे वो आगे अच्छा पैसा कमा लेंगी और बहुत सी लड़कियाँ रोज़गार भी कर रही है। शर्मीला की एक बेटी और एक बेटा है। वो बहुत महनत कर अपनी बेटी को शिक्षित की है और अभी वो अपने पैरों पर एक शिक्षिका के रूप में खड़ी हुई है

बिहार राज्य के जमुई ज़िला से अमित कुमार सविता की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामपुरघोष के शिक्षक संजय कुमार पासवान से हुई। संजय बताते है कि उनकी एक बेटी है। बेटी पढ़ती है तो पूरा परिवार पढ़ता है। इस उद्देश्य से बेटी की पढ़ाई ,सबकी भलाई एक उचित कार्यक्रम है। सभी वर्ग के लोगों को बेटी की पढ़ाई पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए। जब तक बेटी शिक्षित नहीं रहेगा तो समाज शिक्षित नहीं होगा। क्योंकि अगर बेटी विवाह कर ससुराल जाएगी ,वो शिक्षित रहेगी तो परिवार को शिक्षित करेगी। इनके विद्यालय में लड़कियों की संख्या ज़्यादा है। बेटियों की शिक्षा के लिए कोई विशेष योजना तो नहीं है पर मध्यान भोजन चल रहा है उससे बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है। पोषक राशि ,छात्रवृति योजना ,नैपकिन योजना ,ऊपर कक्षा के लिए साइकिल योजना आदि सरकारी योजना चल रही है। बिहार सरकार अभी बहुत अच्छा कार्य कर रही है कि मैट्रिक पास लड़कियों को स्कालरशिप दिया जाता है ,वहीं इंटर में 25 हज़ार रूपए देती है। ग्रेजुएशन करने पर अविवाहित लड़कियों को 50 हज़ार रूपए दिया जाता है ,इसका लाभ बहुत हो रहा है। कुछ परिवार अभी भी है जो बेटियों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देता है। जबकि बेटियों की पढाई पर ही विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि देश की शक्ति बढ़े ।

बिहार राज्य के जमुई जिला से अर्जुन रजक मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं वे अपनी बेटी को पढ़ाना चाहते हैं लेकिन गरीबी के कारण पढ़ा नहीं पा रहे हैं