आमजन की समस्याओं के प्रति जमुई स्वास्थ्य विभाग के विभागीय अधिकारी इस कदर उदासीन है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शिकायत के बाद भी ब्लड बैंक जमुई का रिकॉर्ड अब तक ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता सुमन सौरभ ने बताया कि इसकी शिकायत विभाग से 30 अप्रैल को ही की गई थी। वैसे इस गंभीर परेशानी हसे सम्बंधित खबर 7 मई को विभिन्न खबरों ने प्रमुखता से भी प्रकाशित किया उसके बाद भी विभाग अब तक लापरवाह और उदासीन बना हुआ है। ई-रक्तकोष की स्थापना पर जहाँ आम लोग खुश थे यह सोचकर कि अब हमें ब्लड उपलब्धता को लेकर कोई गुमराह नहीं कर सकता। हम ब्लड उपलब्धता का खुद ऑनलाइन रिकॉर्ड देख लेंगे और जरुरत के मुताबिक हम इसका लाभ लेंगे। लेकिन इस समस्या को हल करना तो दूर अभी तक शिकायत के 25 दिन पश्चात विभागीय अधिकारी ने इसे गंभीरता से भी नहीं लिया। अब तो समस्या यह हो गई है कि स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले जमुई के युवा रक्तदान तो कर रहे है पर उन्हें स्वैच्छिक रक्तदाता स्मार्ट डोनर कार्ड नहीं मिल पा रहा जिस कारण यदि भविष्य में खुद के लिए भी उन्हें ब्लड की जरुरत होगी तो उन्हें ब्लड नहीं मिल पायेगा।