सरकार द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने और गांवों में पीएम आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत से ज्यादा मकान महिलाओं को देने से देश में महिलाओं की गरिमा बढ़ी तो है। हालांकि, इन सबके बावजूद कुछ ऐसे कारण हैं जो महिलाओं को जॉब मार्केट में आने से रोक रहे हैं। भारत में महिलाओं के लिए काम करना मुश्किल समझा जाता है. महिलाएं अगर जॉब मार्केट में नहीं हैं, तो उसकी कई सारी वजहें हैं, जिनमें वर्कप्लेस पर काम के लिए अच्छा माहौल न मिल पाना भी शामिल है . दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- नौकरी की तलाश में महिलाओं को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। *----- आपके अनुसार महिलाओं के नौकरी से दूर होने के प्रमुख कारण क्या हैं? *----- महिलाओं को नौकरी में बने रहने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

दोस्तों, राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला अभी भी 2.5 किमी तक पैदल चलकर जाती हैं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपने परिवार के लिए पीने का पानी लाने में औसतन दिन में 3-4 घंटे खर्च करती हैं, यानि अपने पूरे जीवन काल में 20 लाख घंटों से भी ज्यादा. क्या आपको ये बातें पता है ?और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें.

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"कौन बनेगा बिज़नेस लीडर" एक ऐसा कार्यक्रम है जो महिलाओं को व्यवसाय के क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसमें राखी यादव की कहानी बताई गई - एक युवा महिला जिसने अपने छोटे से सपने को बड़ी सफलता में बदला। 20,000 रुपये से शुरू करके, राखी ने अपना ऑप्टिकल व्यवसाय खड़ा किया और आज वह न केवल खुद सफल है, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गई है।

रवि सेन जी ने अपनी पूंजी से साड़ी का व्यापार शुरू किया। गाँव-गाँव जाकर साड़ी बेचते हुए उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति सुधारी। मेहनत और लगन से उन्होंने सफलता प्राप्त की और अब वो अपने इलाके में प्रेरणा का स्रोत बन गयी हैं।

यह एपिसोड काजल परिहार की कहानी बताता है, जिन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में एक डिजिटल सेवा केंद्र शुरू किया। उनका व्यवसाय गांव वालों को बैंकिंग और सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करता है, जिससे उन्हें दूर जाने की आवश्यकता नहीं होती। काजल का मानना है कि युवाओं को तकनीक का उपयोग करके दूसरों की मदद करनी चाहिए।

सीमा की कहानी हौसले और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। एक महिला के रूप में ई-रिक्शा चलाने की चुनौतियों का सामना करते हुए, उन्होंने समाज की परवाह किए बिना अपने सपनों को साकार किया। अपने परिवार के समर्थन और अपनी मेहनत से, सीमा ने न केवल एक सफल व्यवसाय स्थापित किया, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गईं।

"कौन बनेगी बिजनेस लीडर" एक ऐसा कार्यक्रम है जो महिलाओं को व्यवसाय में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। यह सैइदा बेगम जैसी साहसी महिलाओं की कहानियों के माध्यम से दर्शाता है कि दृढ़ संकल्प और सही मार्गदर्शन से कोई भी महिला सफल उद्यमी बन सकती है।

अपने संघर्ष और मेहनत के चलते ना सिर्फ अपने बिज़नेस को आगे बढाया बल्कि अपने बढ़ते हुए बिज़नेस के साथ साथ अपने परिवार को मज़बूत और काबिल भी बनाया है | सुनिए रवि सेन की कहानी |