यह कार्यक्रम मौसम में आ रहे बदलावों और उनसे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभावों पर केंद्रित है। इसमें बारिश के अनिश्चित पैटर्न से उत्पन्न चुनौतियों और उनके संभावित समाधानों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में यह भी बताया जाएगा कि कैसे ये बदलाव किसानों से लेकर शहरी नागरिकों तक, सभी के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। आपने और आपके आसपास के लोगों ने बदलते बारिश के पैटर्न के बारे में क्या अनुभव किया है? क्या आपको या आपके जानने वालों को इससे कोई चुनौती झेलनी पड़ी है?

मध्य प्रदेश राज्य ले निवाड़ी जिला से विकास प्रजापति ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताय कि शुद्ध और स्वच्छ पानी की कमी के कारण लोग कई बीमारियों से जूझ रहे हैं ।हम पानी में गन्दा पानी पी कर बीमार जाते हैं और डॉक्टरों के पास चक्कर लगाने लगते हैं। डॉक्टरों के पास चक्कर लगाने से बेहतर है कि हम खुद साफ पानी पीकर अपने जीवन को सुखी और निरोग बनाएं। हालांकि ज्यादातर गावों में पानी की शुद्धता की जांच करने की व्यवस्था की गई है और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। कुछ जिम्मेदारियाँ हमें स्वयं निभानी चाहिए

इस एपिसोड में जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों को एक किसान परिवार की कहानी के माध्यम से दिखाया गया है। बदलते मौसम पैटर्न, अनियमित वर्षा, और कृषि पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की गई है। साथ ही, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए समुदाय-स्तर पर कार्रवाई करने का आह्वान किया गया है।

पानी में आर्सेनिक, लोह तत्व और दूसरे घातक पदार्थों की मात्रा महिलाओं के स्वास्थ्य पर सबसे बुरा असर कर रही है और फिर यही असर गर्भपात, समय से पहले बच्चे का जन्म या फिर कुपोषण के रूप में सामने आ रहा है. साथियों, हमें बताएं कि आपके परिवार में अगर कोई गर्भवति महिला या नवजात शिशु या फिर छोटे बच्चे हैं तो उन्हें पीने का पानी देने से पहले किस प्रकार साफ करते हैं? अगर डॉक्टर कहते हैं कि बच्चों और महिलाओं को पीने का साफ पानी दें, तो आप उसकी व्यवस्था कैसे कर रहे हैं? क्या आंगनबाडी केन्द्र, एएनएम और आशा कार्यकर्ता आपको साफ पानी का महत्व बताती हैं? और ये भी बताएं कि आप अपने घर में किस माध्यम से पानी लाते हैं यानि बोरवेल, चापाकल या कुएं और तालाबों से?

इस कार्यक्रम में एक परिवार बात कर रहा है कि कैसे बढ़ती गर्मी से बचा जाए। वे चर्चा करते हैं कि शहरों में ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए, पानी बचाना चाहिए, और लोगों को इन बातों के बारे में बताना चाहिए। और सभी को मिलकर अपने आसपास की जगह को ठंडा और हरा-भरा बनाकर रखना चहिये

हमारे एक श्रोता विकेश प्रजापति ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर हम स्वच्छ पानी नहीं पीते हैं, तो हम स्वस्थ नहीं होंगे क्योंकि जीवन हमारा सबसे बड़ा आधार है, हमारा शरीर हमारा जीवन है और इस बात का सीधा प्रमाण है कि शरीर में जो भी पानी बह रहा है वह स्वस्थ नहीं है। यह साफ होना चाहिए क्योंकि अगर पानी साफ नहीं होगा तो हम भी साफ नहीं होंगे और जैसे ही हमारी पंचायत में पानी पाइपलाइन से आएगा और हममें से बाकी लोगों के पास पानी की जांच करने वाली टीमें होंगी तो हम कई बीमारियों से पीड़ित होंगे। यदि ऐसे व्यक्ति को कोई समस्या मिलती है, तो वह अपने निकटतम जल संस्थान या अपने ब्लॉक स्तर पर अपने ग्राम पंचायत कार्यालय से मिल सकता है और अपनी चर्चा कर सकता है। प्रदूषित जल क्षेत्र में यदि कोई सार्वजनिक समस्या है तो ऐसी सार्वजनिक समस्या पाई जाती है।

साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?

यह कार्यक्रम बताता है कि गर्मी में घर को कैसे ठंडा रखा जा सकता है। इसमें एक परिवार पुराने तरीकों जैसे मिट्टी, बांस और छत पर पौधे लगाने के बारे में सीखता है। साथ ही, नए तरीके जैसे खास पेंट भी बताए गए हैं। कार्यक्रम यह संदेश देता है कि ऐसे घर बनाना चाहिए जो गर्मी कम करें और पर्यावरण के लिए अच्छे हों। इस गर्मी में आपका घर कितना गर्म रहता है ? अपने घर को ठंडा रखने के लिए आपने क्या उपाय किये ?

मध्य प्रदेश राज्य के निवारी जिला से विकेश प्रजापति मोबाइल वाणी के माध्यम से बात रहे है की उन्हें गर्मी पर आधारिक कार्यक्रम सुनकर अच्छा लगा