रवि सेन जी ने अपनी पूंजी से साड़ी का व्यापार शुरू किया। गाँव-गाँव जाकर साड़ी बेचते हुए उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति सुधारी। मेहनत और लगन से उन्होंने सफलता प्राप्त की और अब वो अपने इलाके में प्रेरणा का स्रोत बन गयी हैं।