राजस्थान राज्य के भरतपुर ज़िला से सियाराम ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनको आयुष्मान योजना से कोई लाभ नहीं मिला है ।जब भी अस्पताल जाते है तो डॉक्टर बाहर की ही दवाइयाँ लिखते है।

राजस्थान राज्य के भरतपुर ज़िला से बनवारीराम शर्मा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनको आयुष्मान योजना से कोई लाभ नहीं मिला है ।जब भी अस्पताल जाते है तो डॉक्टर बाहर की ही दवाइयाँ लिखते है।

राजस्थान राज्य के भरतपुर ज़िला से उपयलाल ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनको आयुष्मान योजना से कोई लाभ नहीं मिला है ।जब भी डॉक्टर के पास जाते है तो उन्हें घर वापस भेज दिया जाता है

राजस्थान राज्य के भरतपुर ज़िला से रिंकी शर्मा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनको आयुष्मान योजना से कोई लाभ नहीं है ।

राजस्थान राज्य के भरतपुर ज़िला से सपना ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि इनको आयुष्मान योजना से कोई लाभ नहीं है ।डॉक्टर इन्हे बाहर की ही दवाई लिखते है

राजस्थान राज्य के भरतपुर ज़िला के अटारी ग्राम से दिनेश कुमार ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनको आयुष्मान योजना से कोई लाभ नहीं मिला। jबी भी मेडिकल जाते है तो डॉक्टर इन्हे बाहर की ही दवाइयाँ लिखते है

राजस्थान राज्य के जिला भरतपुर के जागिना गाँव से नवीन , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि उनको आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। वह नजदीक के हॉस्पिटल में जाते है तो उनको बाहर से दवाई लेने को कहा जाता है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास साहू आलू के फसल में लगने वाले कीट, बीमारियां एवं उपचार से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। पूरी जानकारी विस्तार से सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा गेंहू फसल में खरतवार नियंत्रण के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .

नमस्कार/ आदाब दोस्तों, मानवाधिकार अपने आप में एक विस्तृत शब्द है। मानवाधिकार में मानव समुदाय को मिलने वाले हर तरह के अधिकार समाहित है। यह अधिकार हर इंसान को विरासत में मिलते हैं, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, लिंग या भाषा से संबंधित हो। मानवाधिकार यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं कि सभी मनुष्यों के साथ समान व्यवहार किया जाए।लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण हमें समय समय पर मानव अधिकारों का उल्लंघन देखने को मिलता है। मानव अधिकारों का उल्लंघन के खिलाफ एक जुट होकर आवाज बुलंद करने एवं मानव अधिकारों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से 10 दिसम्बर 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा अंगीकार की गई और 10 दिसम्बर 1950 को पहली बार मानवाधिकार दिवस मनाई गई. तब से लेकर हर वर्ष 10 दिसम्बर को यह दिवस मनाया जाता है। हर वर्ष मानवाधिकार दिवस के लिए एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है और इस वर्ष यानि 2024 का थीम है 'हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, अभी'. इसका मतलब है कि हमें अपने दैनिक जीवन में मानवाधिकारों के महत्व को स्वीकार करना चाहिए. तो साथियों, आइये हम सब अपने अधिकारों को पहचानें और एक जूट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करें। आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी परिवार के ओर से मानवाधिकार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!