राजस्थान राज्य के जिला अलवर के राजगढ़ ब्लॉक से हमारे श्रोता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि उनको चिरंजीवी कार्ड का लाभ नहीं मिला। आधार कार्ड का लाभ नहीं मिला। सरकारी अस्पताल में बाहर की दवाई लिखते है।
राजस्थान राज्य के जिला अलवर से हमारे श्रोता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि उनकी माँ का तबियत ख़राब हो गया था तो उन्हें अस्पताल ले गई थी और पर्ची कटाई थी जिसके बहुत देर के बाद डॉक्टर से मुलाक़ात हुई। उनको दवा भी बाहर से लेने को कहा गया
राजस्थान राज्य के जिला अलवर के गाँव कुंदोली से कमलेश , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि उनको चिरंजीवी कार्ड का कोई लाभ नहीं मिला है। जन आधार कार्ड से उनको कोई लाभ नहीं मिला है। उनकी माँ बीमार हुई थी तो उनको बाहर की दवाई लिखी थी
राजस्थान राज्य के जिला अलवर के रुकरिद गाँव से टूरूता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि उनको चिरंजीवी कार्ड का लाभ नहीं मिला है। गरीब महिलाओं को कोई लाभ नहीं हो रहा है
राजस्थान राज्य के जिला अलवर के टोडा जय सिंघपुरा से हमारे श्रोता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि उनको सरकारी अस्पताल में बाहर की दवाई लिखते है और उनको जन आधार कार्ड का लाभ नहीं मिला है
राजस्थान राज्य के जिला अलवर से हमारे श्रोता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि आयुष्मान कार्ड से ढ़ाई लाख का इलाज़ होता है , लेकिन सरकारी अस्पताल में कोई लाभ नहीं मिलता है। अस्पताल में बाहर की दवाई लिखते है
राजस्थान राज्य के अलवर ज़िला से आशा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि जन आधार कार्ड से कोई लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। अस्पताल में बाहर की दवाई लिखी जाती है।
राजस्थान राज्य के अलवर ज़िला से राधा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि चिरंजीवी कार्ड से कोई लाभ नहीं मिल रहा है। अस्पताल में बाहर की दवाई लिखी जाती है। पर्ची भी नहीं जल्दी कटता है
राजस्थान राज्य के जिला अलवर के बड़ला गांव से खिलानता , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि उनको डेंगू ,बुखार चढ़ा था , उनको जब हरिस अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उनको चिरंजीवी कार्ड का कोई लाभ नहीं मिला। बाहर का दवाई लिखा गया।
राजस्थान राज्य के जिला अलवर के बड़ला गांव से अनुष्का , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि सरकार द्वारा बनाई गई चिरंजीवी कार्ड का हर वक़्त लाभ नहीं मिलता है। उनकी बहन बीमार हुई तो उन्होंने हरीश हॉस्पिटल में भर्ती कराया तो उनसे इलाज़ कराने पर पैसा लिया गया। वह घर से एक लाख रुपया भरी है।