साथियों, हमें बताएं कि क्या आपके क्षेत्र के सरकारी जिला अस्पतालों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाडी में पानी की कमी है? क्या वहां प्रशासन ने पानी की सप्लाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं की है? अगर अस्पताल में पानी नहीं मिल रहा है तो मरीज कैसे इलाज करवा रहे हैं? क्या पानी की कमी के कारण बीमार होते हुए भी लोग इलाज करवाने अस्पताल नहीं जा रहे? या फिर आपको अपने साथ घर से पानी लेकर अस्पताल जाना पड़ रहा है? अपनी बात अभी रिकॉर्ड करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू , मानसून पूर्व पौधो की नर्सरी लगाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं।नर्सरी लगाने में किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

इस भीषण गर्मी से बचना है तो इन बातों का हमेशा ध्यान रखना है। नियमित रूप से पानी पीना, भोजन में पौष्टिक तत्व और ठंडी चीज़ों को शामिल करना और हल्का भोजन करना। अगर आपने इस भीषण गर्मी से बचने के लिए कोई खास तरीका अपनाया है या फिर अपने भोजन में किसी तरह की कोई खास चीजें शामिल की हैं, जिससे कि इस भीषण गर्मी में कुछ राहत मिल सके, तो अपने ये उपाय सभी के साथ जरूर बांटें।

मानव जीवन में योग का बहुत बड़ा योगदान है। योग से न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि नियमित योग करने से कई तरह की बीमरियों से निजात भी मिलती है। पहली बार 21 जून 2015 को योग दिवस मनाया गया और तब से लेकर हर वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। इस साल यानि 2024 का थीम है " स्वयं और समाज के लिए योग". योग दिवस को बड़े स्तर पर मनाने का मुख्य उद्देश्य है लोगों को योग के जरिये स्वस्थ और निरोगी जीवन के प्रति जागरूक करना। तो ,साथियों आइए आज योग दिवस पर हम खुद से वादा करें कि जीवन में जितनी भी व्यस्तता और चुनौतियां हो, अपने दैनिक जीवन में योग को शामिल करेंगे और जीवन को उत्साह से भर कर शरीर, मन एवं आत्मा को स्वस्थ रखेंगे।

लू लगने के लक्षण और घरेलू उपचार के साथ साथ सावधानियां और बचाव के तरीके, डॉक्टरी सलाह के साथ गर्मी से निपटने की तैयारियां। क्या आपने भीषण गर्मी यानी लू लगने के ऐसे लक्षण खुद में या अपने परिवार, दोस्त या पड़ोसी में देखे हैं? अगर हाँ, तो आपने या उन्होंने ऐसे में क्या कदम उठाए? भीषण गर्मी से जुड़ी और किस तरह की जानकारी आप सुनना चाहेंगे?

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ अशोक झा प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दे रहे हैं।ऑर्गेनिक खेती करने में किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

दोस्तों, फसले बिना केमिकल के जी जाती हैं पर पानी के बिना तो जमीन बेजान ही है! मवेशियों में भी कहां इतनी जान होगी कि वो खेत जोत पाएं, हमें दूध दे पाएं! पानी तो सबको चाहिए , पर... साथियों, हमें बताएं कि पानी के प्राकृतिक स्त्रोत खत्म होने से आपको किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? क्षेत्र के कुएं, पोखर और तालाब प्रशासन ने खत्म कर दिए हैं या फिर वे सूख रहे हैं? क्या इन्हें बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं? अगर स्त्रोत सूख रहे हैं तो आपके पास पीने के पानी का क्या विकल्प है? क्या खेतों में पानी नहीं पहुंचने से फसलों को नुकसान हो रहा है? पानी की कमी के कारण किसानों और पशुपालकों को किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? खेतों में पानी पहुंचाने के लिए आपने क्या व्यवस्था की है और क्या यह पर्याप्त है? दोस्तों, पानी अहम है क्योंकि ये हमें जीवन देता है और आप तो जानते ही हैं.... जिंदगी जरूरी है!

भीषण गर्मी और लू के कारण स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि और अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं, इन सभी खतरों से निपटने के लिए हमें तैयारियां करनी होंगी।

साथियों, यह दिन बेहद ही खास होता है क्यूंकि जगह -जगह पर स्वास्थ्य संगठनों एवं समाज सेवियों द्वारा रक्तदान शिविर लगाई जाती हैं और स्वस्थ्य लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इतना ही नहीं लोग इस दिन बड़े ही उत्साह और निःस्वार्थ भाव से अपने स्वेच्छापूर्वक रक्तदान करते हैं और जरूरतमंद लोगों तक ब्लड पहुँचाने में अपना योगदान देते हैं। तो,आइये हम सब मिलकर रक्तदान की इस मुहीम से जुड़े और विश्व रक्तदाता दिवस में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को विश्व रक्तदाता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।

हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। बाल श्रम इस अधिकार का हनन करता है।” यह एक प्रसिद्ध व्यक्ति मलाला यूसुफजई के विचार है। वाकई में बाल श्रम एक ऐसा अभिशाप है जो बच्चों को न केवल शिक्षा से दूर कर रहा है बल्कि उनका सम्पूर्ण बचपन भी छीन लेता है इतना ही नहीं यह समाज को विनाश के पथ पर आगे बढ़ाता है। बच्चे देश के भविष्य होते हैं लेकिन बाल श्रम जैसी कुरीति से बच्चों का भविष्य ही अँधेरे में जा रहा है। जिस उम्र में बच्चे खेल कूद कर जीवन के हर पहलुओं को समझते है,उस उम्र बच्चे बाल श्रम करने को बेबस है । तो साथियों , आइये मिलकर बाल श्रम के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद करे और न सिर्फ देश से बल्कि सम्पूर्ण विश्व से बाल श्रम की प्रथा को खत्म करने में अपना भागीदारी सुनिचित करें।