जिस तरह एक देश का विकास ज़रूरी है, उसी तरह प्रकृति भी हमारे लिए बहुत ज़रूरी है। औद्योगिक गतिविधियों के कारण प्रकृति को काफी क्षति पहुंची है।आज के समय वैश्विक ताप वृद्धि, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण जैसी कई बड़ी समस्याएं हमारे समक्ष खड़ी हैं। लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फ़ैलाने और धरती संरक्षण को लेकर प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हर वर्ष 22 अप्रेल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1970 में हुई थी।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू गर्मी के मौसम में धनिया की खेती कैसे करनी चाहिए,इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं। सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा पपीता के फसल में वृक्ष रोपण के छह महीने बाद प्रति पौधा उर्वरक देना चाहिए की जानकारी दे रहें हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
''बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।
हमारे देश भारत में पर्वों और त्योहार की परम्परा अति प्राचीन काल से चली आ रही है जो विभिन्न ऋतुओं में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में सभी समुदायों के द्वारा पुरे हर्षो- उल्लास और प्रसन्नता के साथ मनाये जाते है। जी हां दोस्तों हम बात कर रहे है रामनवमी की जो की आज देश प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनायी जा रही है। रामनवमी का त्योहार जो हमारी धरोहर है और हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है यह हमारे जीवन को खुशियों और उमंग से भर देता है। हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है।सनातन मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था। इस अवसर पर मंदिरों में विधि विधान से पूजा पाठ किया जाता है ,और शहर में श्री राम से जुड़ी विभिन्न प्रकार की मनमोहक झांकियां निकाली जाती है। मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को रामनवमी की ढेर सारी बधाईयाँ।
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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा मुर्गीपालन में रानी खेत बीमारी के सम्बन्ध में जानकारी दे रहे हैं। सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
2024 के आम चुनाव के लिए भी पक्ष-विपक्ष और सहयोगी विरोधी लगभग सभी प्रकार के दलों ने अपने घोषणा पत्र जारी कर दिये हैं। सत्ता पक्ष के घोषणा पत्र के अलावा लगभग सभी दलों ने युवाओं, कामगारों, और रोजगार की बात की है। कोई बेरोजगारी भत्ते की घोषणा कर रहा है तो कोई एक करोड़ नौकरियों का वादा कर रहा है, इसके उलट दस साल से सत्ता पर काबिज राजनीतिक दल रोजगार पर बात ही नहीं कर रहा है, जबकि पहले चुनाव में वह बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर ही सत्ता तक पहुंचा था, सवाल उठता है कि जब सत्ताधारी दल गरीबी रोजगार, मंहगाई जैसे विषयों को अपने घोषणापत्र का हिस्सा नहीं बना रहा है तो फिर वह चुनाव किन मुद्दों पर लड़ रहा है।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ अशोक झा ऑर्गेनिक बीज उपचार विधि के बारे में जानकारी दे रहे हैं। सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
आज का दिन है बड़ा महान बनकर सूरज चमका इक इंसान कर गए सबके भले का ऐसा काम बना गए हमारे देश का संविधान जी हाँ दोस्तों,न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के रूप में पहचाने जाने वालें बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को मनाई जाती है। डॉ. बी.आर. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. बाबासाहेब संविधान निर्माता और आजाद भारत के पहले कानून मंत्री भी थें. देश में उनके योगदान को देखते हुए हर साल उनके जन्मदिन को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है बाबासाहेब अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के बाद देश के संविधान का निर्माण किया। यह संविधान एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में भारत की नींव रखता है। बाबासाहेब अंबेडकर एक महान शिक्षाविद, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनीतिक नेता भी थे जिन्होंने अछूतों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और उन्हें भारतीय समाज में मुख्यधारा में शामिल करने के लिए काम किया। तो आइए श्रोताओं हम सब मिल कर बाबासाहेब अंबेडकर के बनाये गए संविधान का पालन करे और उनके आदर्शो पर चलने का प्रयास करे। मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती पर उन्हें शत शत नमन अर्पित करता है।