लाखों की लागत से बने आरआरसी सेंटर, फिर भी कूड़े का अंबार।। रुपया खर्च होने के बाद भी सरकार की मंशा पर पूरी तरह से पानी-पानी । ब्लॉक जलालाबाद में 52 ग्राम पंचायत में आरआरसी सेंटर बनने के लिए आए थे अभी 40 गांव में आरआरसी सेंटर तैयार हुआ। विकासखंड जलालाबाद के गांवों में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए स्वच्छता संसाधन केंद्र (आरआरसी सेंटर) का निर्माण करीब एक साल पहले कराया जा चुका है। आरआरसी। विकासखंड जलालाबाद में गांवों मे ठोस कचरा प्रबंधन के लिए स्वच्छता संसाधन केंद्र (आरआरसी सेंटर) का निर्माण करीब एक साल पहले कराया जा चुका है। आरआरसी सेंटर का निर्माण चार से छः लाख रुपये की लागत कराया गया, लेकिन सरकार की गांवों को साफ- सुथरा रखने की मंशा पर पानी फिर रहा है। मॉडल गांवों का कूड़ा आरआरसी सेंटर न पहुंचकर गांवों की गलियों में बिखरा पड़ा रहता है। जलालाबाद ब्लॉक मे वित्तीय वर्ष 2022-23 में सात व 2023-24 में 52 ग्राम पंचायतों को मॉडल गांव के रूप में चयनित किया गया। इन गांवों को इंटर लॉकिंग, नाला/नाली निर्माण, स्वच्छ शौचालय,कायाकल्प के साथ-साथ गांव को स्वच्छ बनाये रखने के लिये अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र (आरआरसी सेंटर) का निर्माण चार से छह लाख रुपये की लागत से कराया गया। अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में सूखा कूड़ा, गीला कूड़ा, प्लास्टिक कूड़ा, कांच का कूड़ा, पालीथिन का कूड़ा, गोबर का कूड़ा फेंकने के लिए अलग-अलग चेबंर का अगला निर्माण किया गया है। इनमें ब्लॉक क्षेत्र के मॉडल गांव नारा, खंण्डहर, रामपुर , हरेवा, इमलिया बुजुर्ग,सिकंदरपुर अफगान, खजुआ टॉपर, मालूपुर, जिग्नेहरा, रामपुर बझेड़ा, ठिंगरी, मिंगोल, चौखुटिया, चौकी आजमपुर, नूरपुर कराहीई, गुरुगांव, विचोला,पल्हरई, मनोरथपुर सेसै वारी , फरीदपुर, नगरिया बुजुर्ग, थाथारमई , मंगटोरा ,जवई पड़ी समेत 40 गांव शामिल हैं। इन गांवों की गलियों में जगह-जगह कूड़े व गंदगी का ढेर लगा हुआ है। गांव का कचरा आरआरसी सेंटर तक नहीं पहुंच रहा है। इससे लाखों रुपया खर्च होने के बाद भी सरकार की मंशा पर पूरी तरह से पानी-पानी । वही अभी 12 गांव में आरआरसी सेंटर निर्माणाधीन जिन पर कार्य चल रहा है सरकार की लाखों रुपए की योजना पर ग्राम पंचायत अधिकारी और प्रधान मिलकर पानी फेर रहे हैं।