सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में एक महिला क्या सोचती है... यह जानना बहुत दिलचस्प है.. चलिए तो हम महिलाओं से ही सुनते हैं इस खास दिन को लेकर उनके विचार!! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.

जेंडर हिंसा के खिलाफ चलने वाले इस कार्यक्रम, 'बदलाव का आगाज़', में आज सुनिए प्रियंका जी को, जिनका कहना है कि जब तक एक ट्रांसजेंडर या कहें ख़ुद को महिला और पुरुष के दायरे में ना रखने वाले हर इंसान को इंसान नहीं समझा जाएगा, उनके ख़िलाफ़ समाज में फैली हिंसा और नफ़रत कम नहीं होगी

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बीते अगस्त की आखिरी शाम को खबर आई कि सरकार सितंबर महीने की 18-22 तारीख को संसद के विशेष सत्र का आयोजन करेगी, संसदीय कार्य मंत्री ने घोषणा की, लेकिन इस विशेष सत्र का एजेंडा क्या है वह नहीं बताया। विशेष सत्र के आयोजन की खबर के बाद से मीडिया से लेकर राजनीति के हर हल्के में कानाफूसी है कि सरकार ये कर सकती है, वो कर सकती है लेकिन पुख्ता तौर पर कोई भी जानकारी किसी के पास नहीं है कि सरकार क्या करने जा रही है।

जी-20 शिखर सम्मेलन के नाम पर इन मेहनतकशों से उनकी रोजी-रोटी छीन ली गई है। केवल इसलिए कि दुनिया के रईसों को दिखाने के लिए सजाई गई दिल्ली की खूबसूरती में बट्टा न लगे, गरीब , फटे , लिथरे और बदबूदार शरीरी के आस पास आजने से कहीं बिदेशी मेंहमानों को नायक और भों न चाड जाएं। सितंबर महीने की 9-10 तारीख को लगने वाले विदेशी मेहमानों के जमावड़े को लेकर दिल्ली को 3 दिनों के लिए तकरीबन बंद कर दिया है। सड़क पर रहने और काम करने वाले लोगों को वहां से हटा दिया गया है। नौकरी पेशा लोगों को घरों में रहने के लिए कह दिया गया है। सड़कों पर भीड़ न दिखे इसलिए स्कूलों, कॉलेजों दफ्तरों को बंद कर दिया गया है। निजी दफ्तरों में रोजाना पुलिस को भेजा जा रहा है और नगर निगम की चिट्ठी भेजी जा रही है ताकि वे इन दफ्तरों को बंद करा सकें। तमाम तरह की एडवाइजरी जारी की जा रही हैं, और यह सब इसलिए हो रहा है कि बिदेशी मेहमानों की शान में कोई गुस्ताखी न हो। हो सकता है की आप दिल्ली में नहीं रहते हों , लेकिन आप गरीब मजदूरों की पीड़ा से भली भांति परिचित हैं ,दोस्तों जी-20 जैसे शिखर सम्मेलनों के लिए देश की राजधानी को बंद कर देने का फैसला कितना ठीक है, या फिर सरकार अपनी किसी छिपी हुई मंशा को पूरा करने के लिए ऐसा कर रही है? ऐसा कोई कदम उठाने से पहले सरकार को उन आम लोगों के बारे में नहीं सोचना चाहिए जो रोज काम करके अपना जीवन यापन कर रहे हैं? क्या लोकतान्त्रिक राज्य जब चाहे लोगों को घरों में कैद कर देना आपको कितना उचित लगता है ? इस मसले पर अपनी बात को रिकॉर्ड करें और बताएं कि आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, आपकी बात भले मसले के पक्ष में हो या फिर विपक्ष में। अपनी बात पक्ष _विपक्ष में रिकॉर्ड जरूर करें अपने फोन से 3 नंबर का बटन दबाकर या फिर एप के जरिए एड का बटन दबाकर, क्योंकि आप बोलना जरूरी है। बोलेंगे तो बदलेगा?