आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे बीमा के बारे में

नमस्कार आदाब श्रोताओं मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा निकाली गयी अपरेंटिस के 3000 पदों पर काम करने के लिए इच्छुक हैं। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त किया हो। इन पदों के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु सीमा 01.04.1996 से अधिकतम 31.03.2004 के बीच की आयु सीमा होनी चाहिए। आवेदन शुल्क पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए 400/ रूपए ,एससी/एसटी/सभी महिला उम्मीदवार/ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए 600/ रुपए तथा अन्य सभी उम्मीदवारों के लिए 800 रुपए रखा गया है। उम्मीदवारों का चयन ऑनलाइन लिखित परीक्षा तथा स्थानीय भाषा प्रमाण के आधार पर किया जाएगा। इन पदों पर वेतनमान 15000 रुपए दिया जाएगा।अधिक जानकारी के लिए आवेदनकर्ता इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट है www.nats.education.gov.in . उम्मीदवारों का चयन चिकित्सा मानक और चिकित्सा परीक्षा के आधार पर होगा।। याद रखिए इन पदों पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 17/06/2024 है।तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक का बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं।

हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। बाल श्रम इस अधिकार का हनन करता है।” यह एक प्रसिद्ध व्यक्ति मलाला यूसुफजई के विचार है। वाकई में बाल श्रम एक ऐसा अभिशाप है जो बच्चों को न केवल शिक्षा से दूर कर रहा है बल्कि उनका सम्पूर्ण बचपन भी छीन लेता है इतना ही नहीं यह समाज को विनाश के पथ पर आगे बढ़ाता है। बच्चे देश के भविष्य होते हैं लेकिन बाल श्रम जैसी कुरीति से बच्चों का भविष्य ही अँधेरे में जा रहा है। जिस उम्र में बच्चे खेल कूद कर जीवन के हर पहलुओं को समझते है,उस उम्र बच्चे बाल श्रम करने को बेबस है । तो साथियों , आइये मिलकर बाल श्रम के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद करे और न सिर्फ देश से बल्कि सम्पूर्ण विश्व से बाल श्रम की प्रथा को खत्म करने में अपना भागीदारी सुनिचित करें।

गर्मी से बचने के लिए सभी जरुरी कदम उठाने होंगे | बिजली का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल ना करें, पानी का सही इस्तेमाल करें और जब तक ज़रूरी ना हो, घर से बाहर धुप में ना निकले |

दोस्तों, फसले बिना केमिकल के जी जाती हैं पर पानी के बिना तो जमीन बेजान ही है! मवेशियों में भी कहां इतनी जान होगी कि वो खेत जोत पाएं, हमें दूध दे पाएं! पानी तो सबको चाहिए , पर... साथियों, हमें बताएं कि पानी के प्राकृतिक स्त्रोत खत्म होने से आपको किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? क्षेत्र के कुएं, पोखर और तालाब प्रशासन ने खत्म कर दिए हैं या फिर वे सूख रहे हैं? क्या इन्हें बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं? अगर स्त्रोत सूख रहे हैं तो आपके पास पीने के पानी का क्या विकल्प है? क्या खेतों में पानी नहीं पहुंचने से फसलों को नुकसान हो रहा है? पानी की कमी के कारण किसानों और पशुपालकों को किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? खेतों में पानी पहुंचाने के लिए आपने क्या व्यवस्था की है और क्या यह पर्याप्त है? दोस्तों, पानी अहम है क्योंकि ये हमें जीवन देता है और आप तो जानते ही हैं.... जिंदगी जरूरी है!

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

हीट वेव जागरूकता के इस प्रोमो में हम जानेंगे इस बढ़ती गर्मी का कारण क्या है। साथ ही इस गर्मी से बचाव के लिए क्या उपाय किये जा सकते हैं।

महिलाओं को अक्सर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, रोजगार और राजनीतिक भागीदारी जैसे क्षेत्रों में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। यह भेदभाव उन्हें अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने से रोकता है। महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, दहेज हत्या और बाल विवाह जैसी हिंसा लैंगिक असमानता का एक भयानक रूप है। यह हिंसा महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाती है और उन्हें डर और असुरक्षा में जीने के लिए मजबूर करती है। लैंगिक असमानता गरीबी और असमानता को बढ़ावा देती है, क्योंकि महिलाएं अक्सर कम वेतन वाली नौकरियों में काम करती हैं और उन्हें भूमि और संपत्ति जैसे संसाधनों तक कम पहुंच होती है। दोस्तों, आप हमें बताइए कि *-----लैंगिक असमानता के मुख्य कारण क्या हैं? *-----आपके अनुसार से लैंगिक समानता को मिटाने के लिए भविष्य में क्या-क्या तरीके अपनाएँ जा सकते हैं? *-----साथ ही, लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए हम व्यक्तिगत रूप से क्या प्रयास कर सकते हैं?

दोस्तों मानव शरीर के निर्माण में भोजन एक महत्वपूर्ण तत्व है। प्रकृति ने कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाए हैं जो महत्वपूर्ण और आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त कोशिकाओं और शरीर के ऊतकों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं, तभी तो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन करने की आवश्यकता होती है। साथियों, दुनिया भर में दूषित भोजन खाने से लाखो लोग मौत मुंह में समां जाते हैं।यह दिवस लोगों को याद दिलाता है कि शुद्ध और सुरक्षित भोजन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है और यह सभी लोगों का अधिकार भी है। हर साल UN फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) एक थीम निर्धारित करता है जिसके तहत विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।इस वर्ष World Food Safety Day 2024 की थीम है, ‘सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य’. तो साथियों आइए हम सब मिलकर विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाये और हर दिन शुद्ध और सुरक्षित भोजन का सेवन करें। धन्यवाद !!