दोस्तों मानव शरीर के निर्माण में भोजन एक महत्वपूर्ण तत्व है। प्रकृति ने कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाए हैं जो महत्वपूर्ण और आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त कोशिकाओं और शरीर के ऊतकों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं, तभी तो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन करने की आवश्यकता होती है। साथियों, दुनिया भर में दूषित भोजन खाने से लाखो लोग मौत मुंह में समां जाते हैं।यह दिवस लोगों को याद दिलाता है कि शुद्ध और सुरक्षित भोजन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है और यह सभी लोगों का अधिकार भी है। हर साल UN फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) एक थीम निर्धारित करता है जिसके तहत विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।इस वर्ष World Food Safety Day 2024 की थीम है, ‘सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य’. तो साथियों आइए हम सब मिलकर विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाये और हर दिन शुद्ध और सुरक्षित भोजन का सेवन करें। धन्यवाद !!

साल 2013-2017 के बीच विश्व में लिंग चयन के कारण 142 मिलियन लड़कियां गायब हुई जिनमें से लगभग 4.6 करोड़ लड़कियां भारत में लापता हैं। भारत में पांच साल से कम उम्र की हर नौ में से एक लड़की की मृत्यु होती है जो कि सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट में एक अध्ययन को आधार बनाते हुए भारत के संदर्भ में यह जानकारी दी गई कि प्रति 1000 लड़कियों पर 13.5 प्रति लड़कियों की मौत प्रसव से पहले ही हो गई। इस रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए सभी आंकड़े तो इस बात का प्रमाण है कि नई-नई तकनीकें, तकनीकों में उन्नति और देश की प्रति व्यक्ति आय भी सामाजिक हालातों को नहीं सुधार पा रही हैं । लड़कियों के गायब होने की संख्या, जन्म से पहले उनकी मृत्यु भी कन्या भ्रूण हत्या के साफ संकेत दे रही है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? *----- शिक्षित और विकसित होने के बाद भी भ्रूण हत्या क्यों हो रही है ? *----- और इस लोकसभा चुनाव में महिलाओ से जुड़े मुद्दे , क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ??

हांगकांग के फूड सेफ्टी विभाग सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने एमडीएच कंपनी के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स्ड पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाया है और लोगों को इसका इस्तेमाल न करने को कहा है. ऐसा क्यों? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

आज की कड़ी में हम सुनेंगे सोशल मीडिया से फ़ोटो चोरी होने से सम्बंधित जोखिमों के बारे में जानकारी।

आज की कड़ी में हम सुनेंगे सोशल मीडिया से संबंधित जोखिमों के बारे में ऑनलाइन पैसों का लेन देन और अपनी वीडियो डालना कितना सुरक्षित है।

आज की कड़ी में हम सुनेंगे की सोशल मीडिया के द्वारा कैसे हमारी जानकारीयां कहीं और भी जा रही होती है

महिलाओं को सुरक्षा के मामले में पुरुषों की तुलना में अधिक अधिकार हैं फिर भी महिलाओं के खिलाफ इतने अत्याचार क्यों हो रहे हैं । हमारी सरकार इस तरह के अपराधों को रोकने में असमर्थ क्यों है , हां , महिलाओं के लिए इतने सारे अधिकार होने के बावजूद यह इतना मुश्किल क्यों है ? यह चिंता का विषय है कि बड़ी संख्या में महिलाओं को महिलाओं की सुरक्षा के अधिकारों के बारे में पता भी नहीं है । आज हर महिला का शोषण किया जा रहा है । अब समय आ गया है कि हर महिला अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो । घर से कार्यालय तक सुरक्षित महसूस नहीं होता है , देश की सरकार को एक विशेष कार्यक्रम के साथ फिर से महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए ।

उत्तर प्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से सेहनाज़ मोबाइल वाणी सुल्तानपुर के माध्यम से बता रही है की भारत में बेटियों को मां लक्ष्मी माना जाता है और भारत की बेटी को जन्म लेते ही पीड़ा दी जाती है । आइए बात करते हैं कि बदलते समय में बेटियाँ कितनी सुरक्षित हैं । जहां भारत ने आजादी के सत्तर साल से अधिक पूरे कर लिए हैं , वहीं इस साल 76वा स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है , जिस तरह से साल बदल रहे हैं । तो इसी तरह हमारे जीवन में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं । इतने सारे बदलावों के बाद हमारा जीवन बहुत आधुनिक हो गया है और इसके कारण हम अपने जीवन में भी बहुत सारे बदलाव देख रहे हैं।हमारे देश की बेटियों में प्रगति की कमी कहां देखी जा रही है , जबकि आज भी हमारे देश में कई जगहों पर कहा जाता है कि लड़कियों को घर पर ही खिलाया जाता है । माँ को काम बांटना चाहिए और केवल लड़कों को बाहर जाकर काम करना चाहिए और पैसा कमाना चाहिए , लेकिन ऐसी किस किताब ने लिखा है और यह नियम बनाया है कि यह हमारे बावजूद काम करता है

दोस्तों, यह साल 2024 है। देश और विश्व आगे बढ़ रहा है। चुनावी साल है। नेता बदले जा रहे है , विधायक बदले जा रहे है यहाँ तक की सरकारी अधिकारी एसपी और डीएम भी बदले जा रहे है। बहुत कुछ बदल गया है सबकी जिंदगियों में, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा आज भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है। देश की सरकार तो एक तरफ महिला सशक्तिकरण का दावा करती आ रही है, लेकिन हमारे घर में और हमारे आसपास में रहने वाली महिलाएँ आखिर कितनी सुरक्षित हैं? आप हमें बताइए कि *---- समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *---- महिलाओं को सही आज़ादी किस मायनों में मिलेगी ? *---- और घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?