उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूद्दीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हाल ही में एक बहुत बड़े व्यवसायी अपने एक बेटे की शादी पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह एक दिखावा ही है। उन्होंने इतनी बड़ी हस्ती को बुलाया,उन्होंने बड़े-बड़े लोगों को बुलाया, देश-विदेश में ऐसा कोई नहीं था जो नहीं आया और उन पर इतना पैसा खर्च किया गया, किसी को गाने के लिए करोड़ों रुपये दिए गए, किसी को नाचने के लिए अरबों रुपये दिए गए। पानी की तरह पैसा बहाया गया, जिसकी कल्पना करना बहुत मुश्किल है, कितना पैसा खर्च हुआ है, क्या भारत जैसे देश में ऐसा करना उचित है? यह कर बिल्कुल भी उचित नहीं है क्योंकि भारत में अधिकांश किसान जो भुखमरी के कारण आत्महत्या कर लेते हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूद्दीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि किसी सभा या किसी कार्यक्रम में एक स्थान पर किस तरह के लोग उपस्थित होते हैं, यह भीड़ का एक उदाहरण है। अगर वह भीड़ किसी भी कारण से अनियंत्रित हो जाती है,तो वह भीड़ बहुत भयानक हो सकती है, जिससे भगदड़ से कई लोगों की जान जा सकती है, जैसा कि हाल ही में हाथरस में हुआ है। वहां पर बाबा के द्वारा भीड़ एकत्र की गई और उस भीड़ में किसी अंधविश्वास के कारण भगदड़ मच गई और उस भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई। यदि ऐसी घटनाएं होती हैं, तो अंधविश्वास के पूर्ण समर्थन की पूरी संभावना है।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूद्दीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कोई भी कार्यक्रम या किसी भी तरह का कार्यक्रम भीड़-भाड़ वाली जगहों पर आयोजित किया जाता है, अगर कोई भी भीड़ इकट्ठा होने की संभावना होता है तो जो भी उसका आयोजन है उसको पूरी जिम्मेदारी लेते हुए सरकार को पूरी जानकारी दी जानी चाहिए कि यहां पर कितनी भीड़ जमा हो सकती है, यह जानकारी प्रशासन को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। आयोजक जो उन्हें सूचित कर रहा है कि इतनी भीड़ आएगी, उसे पूरी तरह से सत्यापित करने की आवश्यकता है कि क्या कार्यक्रम किसी धार्मिक कार्यक्रम के लिए आयोजित किया जा रहा है चूंकि संख्या जो बताया जा रहा है उससे अधिक होने की संभावना हो सकती है, इसलिए सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपेक्षित भीड़ के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था की जाए। अगर आयोजकों को लगता है कि भीड़ और बढ़ सकती है तो उन्हें तुरंत प्रशासन को जानकारी देनी चाहिए ताकि सुरक्षा व्यवस्था की जा सके ताकि इस तरह दुर्घटनाएं ना हो सके । ऐसा करने से घटनाओं में जहां भगदड़ के कारण सैकड़ों लोगों की जान चली गई है, उन्हें रोका जा सकता है, यानी आयोजकों और प्रशासन दोनों को सतर्क रहना होगा।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लैंगिक असमानता, यानी महिलाओं को पुरुषों के बराबर नहीं मानते हैं या महिलाओं को समान अधिकार नहीं देते हैं। महिलाओं के उन सभी आयामों का बहुत अलग तरीके से उपयोग करने में सक्षम होने के लिए, यहां तक कि खेल स्तर पर भी, महिलाओं को लैंगिक असमानता का सामना करना पड़ता है, यानी जब खेल की बात आती है तो भेदभाव, चाहे वह वॉलीबॉल हो या कोई भी खेल बैडमिंटन। अगर खेल महिलाओं और पुरुषों दोनों के खेल हैं, तो खेल को अधिक महत्व दिया जाता है, जब क्रिकेट जैसा खेल होता है, जब यह महंगा होता है, तो आयोजक ज्यादा नहीं होता है, यानी, इसमें अधिक पैसा लगता है, लेकिन फिर भी महिलाओं के खेल से अधिक, आयोजक कम होता है। और जब दोनों खेल एक ही खेल खेलते हैं तो इसमें कम पैसा लगता है, लेकिन वहाँ भी, खेल को किस क्षेत्र में लैंगिक असमानता का सामना करना पड़ता है। एक ही खेल पर महिलाओं को कम भुगतान किया जाता है। सौ लोगों से करोड़ों रुपये लूट लिए जाते हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूद्दीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भीड़ बहुत छोटा शब्द है, लेकिन जब यह इकट्ठा होती है, तो यह बहुत बड़ी मात्रा में होती है। भीड़ में से कोई भी कहीं भी कैसे जा सकता है, यानी अगर वह भीड़ अनियंत्रित हो जाये, तो उस भीड़ को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो जाता है। हाल के ही घटना में भीड़ इतनी अधिक हो गई कि प्रशासन और आयोजक के लिए भीड़ को नियंत्रित करना असंभव हो गया था, इस वजह से ऐसा हुआ है और इतने सारे लोग , जिनमें ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग की जाने गई। ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस घटना का सबसे बड़ा कारण है,प्रशासन को इसकी सूचना न देना, यदि बाबा द्वारा प्रशासन को सही जानकारी दी गई थी, तो प्रशासन उसके अनुसार सुरक्षा की व्यवस्था करता है। लेकिन यह जानकारी न देना इस दुर्घटना का सबसे महत्वपूर्ण कारण है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सुल्तानपुर से फकरुद्दीन , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि अधिकांश महिलाओं को पांचवीं कक्षा से छहवीं और कुछ को दसवीं से बारहवीं तक ही शिक्षा मिलती हैं, लेकिन जब उच्च शिक्षा की बात आती है तो महिलाएं इस मामले में बहुत पीछे पाई जाती हैं। सरकार को महिलाओं की उच्च शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए। यह आवश्यक है कि प्रत्येक परिवार को उतनी ही लड़कियों की व्यवस्था की जाए, जितनी महिलाएं हों, उन्हें उच्च शिक्षा मुफ्त में उपलब्ध कराई जाए और इसका उपयोग गारंटी के रूप में किया जाए।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से सेहनाज ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अभी हाल ही में हाल ही में जो हाथरस की घटना है उसे भुलाया नहीं जा सकता है। इस घटना के कारण जो भी भगदड़ हुई जिससे कई लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर मलाएं, बच्चे और बुजुर्ग थे। इस घटना ने पुरे यूपी को दहला दिया ,इस घटना का आयोजन करने वाले बाबाओं और प्रसाशन दोनों जिम्मेदार हैं। बाबाओं द्वारा सरकार को सही जानकारी न देने के कारण इतनी बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं हुई हैं जिसकी वजह से सैंकड़ों लोगों की जान चली गयी ।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूद्दीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बाबा के द्वारा बुलाये गए सत्संग में हुए भगदड़ में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। इनमें अधिकांश महिलाएँ ,बच्चे और बुज़ुर्ग थे। यह एक बहुत बड़ी दुर्घटना थी जिसने सभी को चौंका दिया। ऐसी घटना कई बार हुई है कि इस तरह की भगदड़ में कई लोगों की मौत हो चुकी है। लोगों ने अपनी जान गंवाई है लेकिन फिर भी न तो प्रशासन जाग रहा है और न ही कोई जाग रहा है। अगर ऐसा होता है तो इस तरह की अनुमति को पूरी तरह से रोक दिया जाना चाहिए क्योंकि यह कहना संभव नहीं है कि इस तरह के आयोजन में कितनी भीड़ आएगी। यदि भीड़ इकट्ठा होती है, तो उसे तुरंत प्रशासन को इसकी सूचना देनी चाहिए ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सुल्तानपुर से फकरुद्दीन , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि अगर महिलाओं का पैतृक संपत्ति पर अधिकार है और उसके पिता या भाई उसे कुछ देते हैं, तो यह महिला उसके लिए बहुत अच्छा होगा ताकि वह अपना और अपने बच्चों का अच्छी तरह से पालन-पोषण कर सके। इसी तरह सोच को भी बदलना होगा। कानून बहुत अच्छी तरह से बनाया गया है कि महिलाओं को भी पैतृक संपत्ति पर अधिकार मिलना चाहिए। क्योंकि ऐसा बहुत बार होता है कि जिनके बच्चे नहीं हैं, यानी लड़के नहीं हैं, तो महिलाएं अपनी पैतृक संपत्ति पर पूरा अधिकार ले लेती हैं, इसलिए यह कानून बहुत अच्छा है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला सुल्तानपुर से फकरुद्दीन , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि हाल ही में हाथरस में हुआ था। जिसमें बाबा द्वारा एक धार्मिक सभा आयोजित की जा रही थी, उम्मीद से अधिक भीड़ जमा हो गई, जिसके कारण कुछ अंधविश्वास के कारण भगदड़ मच गई या लापरवाही के कारण आप इसे कुछ भी कह सकते हैं। उस भगदड़ में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। अब इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा, प्रशासन या बाबा जिन्होंने इस आयोजन का आयोजन किया, तो ऐसे आयोजन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाए या फिर जो कोई भी उस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है, तो उस कार्यक्रम की जिम्मेदारी पूरी तरह से तय होनी चाहिए कि अगर कोई दुर्घटना या घटना होती है, तो वह आयोजक या बाबा जो उस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं।