उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर से शहनाज़ मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि अब लोगों को मुफ्त में राशन नहीं मिलेगा। करना भी आवश्यक है। यदि परिवार का कोई व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर चला गया है या किसी की मृत्यु हो गई है, तो उन लोगों का नाम सरकार द्वारा राशन कार्ड से हटा दिया जाएगा। राशन कार्ड धारकों के लिए सरकार द्वारा कई नियम बनाए गए हैं। इसका मतलब है कि मुफ्त राशन प्राप्त करने में किसी भी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा, इसलिए जुलाई से राशन कार्ड में नए नियमों के बारे में जानना होगा। नए नियम लागू हो रहे हैं, देश में ऐसे कई परिवार होंगे।

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यूपी में राशन मिलने में देरी क्यों हो रही है ? हां , राज्य सरकार द्वारा राशन वितरण के लिए फरवरी का महीना अभी तक नहीं आया है । वेंडिंग मशीन से मुफ्त राशन वितरण की घोषणा सो अनंतानन में की गई थी , लेकिन इस प्रणाली के कारण फरवरी के महीने में वेंडिंग मशीन , परीक्षण या राशन की कोई व्यवस्था नहीं है । हड़ताल की तारीखों का आदेश दिया गया है , जिसके कारण आज 11 फरवरी है और गरीबों को मुफ्त राशन वितरित नहीं किया जा रहा है , जिसके कारण जिले के लाखों राशन कार्ड धारक सुबह राशन मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं । साथ ही जरूरतमंद राशन कार्ड धारकों के घर और दुकानें लगातार देखी जा रही हैं , जबकि समय - समय पर राशन उठाया जा रहा है , लेकिन रोड ऑर्डर न होने के कारण लेनदारों को भी मजबूर होना पड़ रहा है । राज्य के आठ - नौ जिलों में वांग मशीन परीक्षण किया जा रहा है , जिसके कारण इसे पूरे राज्य में वितरित नहीं किया जा रहा है ।

उत्तर प्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरुद्दीन मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की यह मुद्दा विपक्ष में उठाया गया है , सरकार की गरीबी , इसलिए समय - समय पर आंकड़े जारी किए जाते हैं । हाल ही की तरह लोगों को मुफ्त राशन बांटा जा रहा है और इसे अगले पांच साल तक बांटा जाएगा या बजट में इसकी घोषणा की गई है , लेकिन क्या राशन देना ही गरीबी दूर करने का एकमात्र तरीका है ? यह संभव नहीं है कि राशन देने से लगड़ी भी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी क्योंकि राशन के साथ - साथ शिक्षा , स्वास्थ्य जैसी कई अन्य चीजें भी हैं , जिनकी उन्हें अपनी गरीबी दूर करने की आवश्यकता होगी । भारत सरकार के लिए केवल राशन देने से भारत गरीब मुक्त हो जाएगा और जमीनी स्तर पर राशन या राशन की उपलब्धता देखना असंभव है । यदि आप किसी भी राशन की दुकान पर जाते हैं और राशन की गुणवत्ता की जांच करते हैं , तो आप पाएंगे कि राशन की गुणवत्ता सही नहीं है । लोगों का स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है , इसलिए उन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य प्रदान करने के अलावा अकेले राशन देना गरीबी उन्मूलन का मुख्य कारण नहीं है । मनरेगा गाँव के स्तर पर चलती है , लेकिन मनरेगा की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है क्योंकि लोगों को काम के दिनों की निश्चित संख्या नहीं मिल पा रही है और भारत सरकार अपना बजट कम कर रही है । जब लोगों को काम नहीं मिलेगा तो उनकी गरीबी बढ़ेगी और मुद्रास्फीति अपने चरम पर होगी । मुद्रास्फीति बढ़ रही है । लोगों की आय कम हो रही है । लोग अपनी रोजी - रोटी कमाने में सक्षम नहीं हैं ।

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

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