रायबरेली। श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के ३५७वे प्रकाश पर्व को बहुत धूमधाम हर्षाेल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा हैं। प्रकाश पर्व के दिन सुबह अमृत वेले से कथा, कीर्तन,प्रवचन ज्ञानी जगरूप सिंह जी, हजूरी रागी अमृतपाल सिंह जी ,गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल के वीरों द्वारा संगत को निहाल किया उपरांत अमृतसर से आए प्रसिद्ध रागी सुखप्रीत सिंह जी के शबद सुन संगत निहाल हो गई। गुरुद्वारा साहिब के वरिष्ठ सदस्य जगरूप सिंह जी ने गुरु जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा श्री गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना शहर में हुआ था,पटना साहिब सिख पंथ का दूसरा तख्त है।गुरु जी को 9 वर्ष की उम्र में ही गुरु गद्दी सौंप दी गई थी। पटना साहिब में गुरुद्वारा मैनी संगत है जहां गुरुजी बाल अवस्था में ही श्री फतेहचंद मैनी के यहां खेलने जाते थे, और काजी रहीम खां एवं करीम खां ने गुरु साहब को बाग़ भेट किया था,जो गुरुद्वारा गुरु का बाग नाम से पटना साहब मे प्रसिद्ध है। गुरुद्वारा साहिब के वरिष्ठ सदस्य सुरेंद्र सिंह मोंगा जी ने कथा द्वारा गुरु जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भजन बंदगी करने वाले साईं भीखन शाह को सबसे पहले गुरु जी के अवतार होने का अनुभव प्राप्त हुआ था उस समय शाह जी करनाल में थे और दर्शन करने के लिए तुरंत पटना साहिब रवाना हो गए और दर्शन किए।