लालगंज, प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने संसद की सुरक्षा में सेंधमारी को लेकर गुरूवार को मोदी सरकार पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश के लोकतंत्र के पवित्र मंदिर संसद में जिस तरह से सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हुई यह सीधे तौर पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय की अभूतपूर्व एवं शर्मनाक विफलता है। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का सबसे अहम गंभीर चिंतनीय मुददा ठहराते हुए सरकार की ओर से केन्द्रीय गृह मंत्री के द्वारा संसद में फौरन वक्तव्य दिये जाने की भी कड़ी मांग उठाई है। उन्होनें कहा कि जिस तरह से संसद हमले की बरसी पर भाजपा सांसद के संस्तुति पर आधारित निर्गत पास को लेकर दर्शक दीर्घा में बैठे दो लोग लोकसभा के अंदर पहुंच गये और लोक सभा के अंदर स्पोक बम या कलर बम से सनसनी फैला दी। जिसे देखकर पूरा देश हतप्रभ हो उठा। उन्होनें कहा कि संसद हमले की बरसी पर एक आतंकी ने हमले की चुनौती दी थी। इसके बाद संसद के अंदर जो डरावना व भयावह दृश्य उत्पन्न हुआ उसने मौजूदा सरकार की सुरक्षा नीति को तार तार कर दिया है। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि जो सरकार संसद की सुरक्षा नहीं कर सकती वह देश की सुरक्षा कैसे करेगी। यह सवाल भी हर देशवासी के जहन में इस घटना से चुभ रहा है। उन्होनें कहा कि संसद में इस सुरक्षा के मामले में भारी चूक को लेकर संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाना चाहिये। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति संसद की सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा करे और जो ठोस सुझाव सामने ले आये सरकार उसका सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करे। उन्होनें कहा कि संसद हमले की बरसी पर देश यह नहीं भूलेगा कि उस समय जब संसद भवन के बाहर हमला हुआ था तो बहादुर सुरक्षाकर्मियो ंने साहसिक मुकाबला करते हुए हमलावरों को संसद भवन के बाहर ही नेस्तनाबूत कर दिया था। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला अगर सदन में नही उठाएगा तो यह उसके कर्तव्य के विपरीत होगा। उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा को लेकर देश इसिलए चिंतित है कि यह वीभत्सकारी घटना राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुकी है। उन्होनें कहा है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर चर्चा नही चाहती इसलिए वह संसद के अंदर व बाहर अपनी खामियों को छिपाने के लिए तानाशाही पर उतर आती है। उन्होेंने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता के रूप में उन्होनें संसद सुरक्षा को लेकर जो अहम सवाल रखा है, इस पर जब तक सरकार जबाबदेह नहीं दिखती यह मुददा जोर शोर से वह उठायेंगे। उन्होेंने संसद सुरक्षा को लेकर सवाल उठाने पर लोक सभा के पांच सांसदों के निलंबन को भी संसदीय मर्यादा के विपरीत तथा अलोकतांत्रिक करार दिया है। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी का यह बयान गुरूवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।