नाम हयातुल्लाह चतुर्वेदी उम्र 80 साल 20 साल पहले रिटायर हो चुके हैं लेकिन पढ़ने का मोह नहीं छूट रहा है विषय भी ऐसा कि लोग पसीना छोड़ देते हैं लेकिन यही विषय उनकी पहचान बना हुआ है और आज वह देश के कोने-कोने में जाने जाते हैं चतुर्वेदी की उपाधि उन्हें 10 को पहले राष्ट्रीय कार्यक्रम में संस्कृत के प्रति अनन्य भक्त के स्वरूप दी गई है।