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रमाबाई अंबेडकर जी की जयंती मनाई

समीक्षा अधिकारी पेपर

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक न केवल केंद्र पर आने वाले किसानों की सहायता करते हैं बल्कि किसानों के खेतों पर जाकर भी उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करते हैं ताकि किसान अपनी जमीन और समय का भरपूर उपयोग कर सकें।

बुंदेलखंड की महिलाओं में इतना कॉन्फिडेंस देखकर मुझे बड़ा ताजुब हुआ, "कौन बनेगी बिज़नस लीडर" प्रतियोगिता में जिस प्रकार महिलाओं ने प्रेजेंटेशन किया वह मेरे लिए एक नया अनुभव था. क्योंकि हमारे बुंदेलखंड में पर्दा प्रथा कुछ ज्यादा है जिसके कारण महिलाएं स्टेज पर आकर बात करना तो दूर की बात एक दूसरे से बात भी करने में झिझकती हैं। यह प्रोग्राम सराहनीय था इस प्रकार के और प्रोग्राम होते रहना चाहिए।

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी कोई मज़ेदार कहानी है, तो रिकॉर्ड करें, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

Kisan se bat chet kakhri kheer ki tayari

सरकार को भारत रत्न देने के अलावा किसानों को उनके अधिकार भी देने चाहिए , आखिर उनकी मांग भी तो बहुत छोटी सी है कि उन्हें उनकी फसलों का बेहतर मूल्य मिले। हालांकि किसानों की इस मांग का आधार भी एम एस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें हैं जो उन्होंने आज से करीब चार दशक पहले दी थीं। इन चार दशकों में न जाने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने का वादा करके न जाने कितनी सरकारें आईं और गईं, इनमें वर्तमान सरकार भी है जिसने 2014 के चुनाव में इन सिफारिशों को लागू करने का वादा प्रमुखता से किया था। -------दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, क्या आपको भी लगता है कि किसानों की मांगो को पूरा करने की बजाए भारत रत्न देकर किसानों को उनके अधिकार दिलाए जा सकते हैं? --------या फिर यह भी किसानों को उनके अधिकारों को वंचित कर उनके वोट हासिल करने का प्रयास है.

इस संस्था की स्थापना झांसी में 2015 में हुई थी इसके अंतर्गत ग्रामीण परिवेश में रहने वाली महिलाओं और पुरुषों को विभिन्न प्रकार के हुनर सीखा कर बेहतर जिंदगी बसर करने का मौका दे रही है।