सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है।

साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में हम आपको बता रहे है कि बरसात के पानी को कैसे संरक्षित कर भूजल को बढ़ाने में हम अपना योगदान दे सकते है। आप हमें बताइए गर्मियों में आप पानी की कौन से दिक्कतों से जूझते हैं... एवं आपके क्षेत्र में भूजल कि क्या स्थिति है....

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे।

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा गेँहू की फसल को चूहों के आक्रमण से होने वाले नुकसान एवं उपचार सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ शिमला मिर्च लगाने की विधि के बारे में जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

विद्यालय के आस-पास लगा कचरों का अम्बार -साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ किया जा रहा खानापूर्ति जौनपुर-सरकार के द्वारा चलाया जा रहा स्वच्छता अभियान को नगर पंचायत कजगांव मुंह चिढ़ा रहा है बता दें कि उक्त नगर पंचायत कार्यालय के ठीक बगल में स्थिति प्राथमिक विद्यालय के अगल-बगल कचरों का अम्बार लगा हुआ है जिसके चलते आस-पास पुरी तरह से नरकीय बना हुआ है जहां एक तरफ उक्त नगर पंचायत में सफाई करने के लिए दर्जनों से अधिक सफाई कर्मचारीयों की नियुक्ति कि गयी है वहीं दूसरी तरफ सफाई कर्मी के द्वारा साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कि जा रही है ऐसी स्थिति में देखा जाये तो सरकार के द्वारा चलाया जा रहा स्वछता अभियान उक्त नगर पंचायत में पुरी तरह से यहां विफल देखने को मिल रहा है देश के भविष्य कहे जाने वाले नौनिहाल जब विद्यालय पढ़ने आते हैं तो अगल-बगल लगी गन्दगी से विद्यालय के बच्चे भी परेशान रहते हैं सफाई न होने के कारण लोग मच्छरों के प्रकोप से परेशान हैं तथा लोग डेंगू,मलेरिया आदि तमाम घातक बीमारियां होने का डर बना रहता है प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत प्रधानाध्यापक ने बताया कि इस प्रकार की समस्या के बारे में नगर पंचायत के अधिकारी व कर्मचारियों को अवगत कराने के बावजूद भी साफ-सफाई नहीं कराया जा रहा है इस प्रकार के समस्या से प्रति नगर पंचायत अध्यक्ष सहित विभागीय अधिकारी व कर्मचारी पुरी तरह से कुम्भकर्णी निन्द्रा में लीन नजर आ रहे हैं

घरेलू हिंसा सभ्य समाज का एक कड़वा सच है।आज भले ही महिला आयोग की वेबसाइट पर आंकड़े कुछ भी हो जबकि वास्तविकता में महिलाओं पर होने वाली घरेलु हिंसा की संख्या कई गुना अधिक है। अगर कुछ महिलाएँ आवाज़़ उठाती भी हैं तो कई बार पुलिस ऐसे मामलों को पंजीकृत करने में टालमटोल करती है क्योंकि पुलिस को भी लगता है कि पति द्वारा कभी गुस्से में पत्नी की पिटाई कर देना या पिता और भाई द्वारा घर की महिलाओं को नियंत्रित करना एक सामान्य सी बात है। और घर टूटने की वजह से और समाज के डर से बहुत सारी महिलाएं घरेलु हिंसा की शिकायत दर्ज नहीं करतीं। उन्हें ऐसा करने के लिए जो सपोर्ट सिस्टम चाहिए वह हमारी सरकार और हमारी न्याय व्यवस्था अभी तक बना नहीं पाई है।बाकि वो बात अलग है कि हम महिलाओं को पूजते ही आए है और उन्हें महान बनाने का पाठ दूसरों को सुनाते आ रहे है। आप हमें बताएं कि *-----महिलाओं के साथ वाली घरेलू हिंसा का मूल कारण क्या है ? *-----घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें अपने स्तर पर क्या करना चाहिए? *-----और आपने अपने आसपास घरेलू हिंसा होती देखी तो क्या किया?