कुटीर पी जी कॉलेज चक्के मे शिक्षा संकाय द्वारा मंगलवार को युवाओं के लिए वित्तीय साक्षरता सेवा के सहयोग से वित्तीय साक्षरता कार्यशाला का आयोजन किया गया ।एन आई एस एवं कोटक सिक्योरिटीज सी.एस.आर. द्वारा कोना-कोना शिक्षा नाम से आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रतिभूति बाजार, स्व-रोजगार, उद्योगों में व्यवसाय के अवसर आदि पक्षो पर विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला को सात पक्षो में विभाजित कर विस्तारित किया गया। अंत में परीक्षण प्राप्त सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ संस्थापक जी एवं मां सरस्वती की छाया प्रति पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। कार्यशाला के संयोजक एवं शिक्षा संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ सी बी पाठक ने कार्यशाला की विषय वस्तु एवं स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए वित्तीय साक्षरता की अनिवार्यता को रेखांकित किया, तथा प्रशिक्षक एवं मुख्य वक्ता चंद्र केतु सिंह को उपस्थित समस्त लोगों का परिचय कराया। कार्यक्रम संचालन डॉ नीता तिवारी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि आज की कार्यशाला के महत्वपूर्ण पक्ष एवं विषय हमारे जीवन की प्रमुख आवश्यकता है ।डॉ सुरेंद्र कुमार दुबे, डॉ रामेश्वर नाथ मिश्रा ,डॉ योगेश पाठक तथा सतीश गुप्ता ने विभिन्न सत्रों में समीक्षात्मक उद्बोधन किया। कार्यशाला मे छात्रों ने विभिन्न जीवंत विषय ,पर्यावरण संरक्षण, सोशल मीडिया जल संरक्षण महिला सशक्तिकरण आदि विषयों पर अल्पना बनाकर जन जागरण का कार्य संपन्न कराया। इस अवसर पर संस्था के अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे।

दिव्यांगों का सांकेतिक प्रशिक्षण संपन्न

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में संकाय भवन के कांफ्रेंस हाल में चल रहे कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के सातवें दिन भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दो साप्ताहिक कार्यशाला को सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ हिमाचल प्रदेश से आए प्रोफेसर विशाल सूद ने प्रतिभागियों को क्वालिटेटिव रिसर्च के गुर साझा किए। उन्होंने कहा कि रिसर्च में भाषा का बहुत बड़ा महत्व होता है। उन्होंने कहा कि समाज के विभिन्न मूल समस्याओं का समाधान उनकी दिशा-दशा क्वालिटी रिसर्च के माध्यम से सहज और समग्र रूप से समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि क्वालिटेटिव रिसर्च कई अलग शैक्षणिक विषयों में विनियोजित, पारंपरिक रूप से सामाजिक विज्ञान, साथ ही बाज़ार अनुसंधान और अन्य संदर्भों में जांच की एक विधि है। क्वालिटेटिव रिसर्च में शोधकर्ताओं का उद्देश्य मानवीय व्यवहार और ऐसे व्यवहार को शासित करने वाले कारणों को गहराई से समझना है और इसके लिए बड़े नमूनों की बजाय छोटे नमूनों पर संकेंद्रित नमूनों की आधार पर ही सम्यक दृटिकोण प्रदान करता है। उन्होंने क्लालिटेटिव डाटा एनलिसिस विधि की टेक्निक को विस्तार से समझाया। इस अवसर पर प्रो. अजय प्रताप सिंह ने विषय विशेषज्ञ का परिचय कराया, डॉ. मनोज पांडेय ने कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की। डॉ. अनु त्यागी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। प्रतिभागियों में दीपक कुमार दास, अयाज अहमद, कपिलदेव वीरेंद्र कुमार साहू, सेनेट थामस, दया सिंधु, प्रतिमा मौर्य, विवेक मिश्रा ने सवाल पूछ अपनी जिज्ञासा शांत की।

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वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान तथा एशियन पॉलीमर एसोसिएश, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में फंक्शनल मैटेरियल पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन गुरुवार को किया गया।

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन के संगोष्ठी हाल में सोमवार को दो सप्ताह का कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के दूसरे दिन केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा के मनोविज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो. पायल चंदेल ने कहा कि रिसर्च शनैः शनैः और शांति से किया जाने वाला कार्य है।

सिरकोनी में एफएलएन प्रशिक्षण के अंतिम बैच के प्रशिक्षण का शुभारंभ

तीन दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ समापन

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