नमस्कार, आदाब दोस्तों ! स्वागत है आपका मोबाइल वाणी और माय कहानी की खास पेशकश कार्यक्रम भावनाओं का भवर में। साथियों, हर माता-पिता को अपने बच्चों से पढ़ लिखकर कुछ अच्छा करने की उम्मीद होती है तभी तो किसी ने अपनी कलम से यह लाइन खूब लिखी है की पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा, बेटा हमारा ऐसा काम करेगा, मगर ये तो कोई न जाने के मेरी मंजिल है कहाँ ...........और सही मायने में ज़िन्दगी मंजिल तो हर किसी का अलग अलग होता है पर आज के समय में माता पिता ज़िन्दगी के दौड़ में हर बच्चे का मंजिल एक ही बनाना चाहते है। आज की जेनेरशन के भी माता -पिता अपने बच्चों के ऊपर एग्जाम में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए दबाव तो डालते ही हैं पर गौर करने वाली बात तो यह है कि इन सब के बीच बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में हम भूल जाते है। तो चलिए आज की कड़ी में जानते है कि साथियों बच्चें देश के भविष्य होते हैं और बच्चों के भविष्य से ही देश की भविष्य की कल्पना की जाती है ऐसे में उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। क्यूंकि मानसिक विकार किसी की गलती नहीं इसलिए इससे जूझने से बेहतर है इससे जुड़ी पहलुओं को समझना और समाधान ढूंढना। तो चलिए, सुनते है आज की कड़ी।.....साथियों, अभी आपने सुना कि कैसे बच्चों पर शैक्षणिक दबाव का असर उनके मानसिक स्वास्थ्य का प्रभावित करता है और इससे कैसे निपटा जा सकता है। अब अगली कड़ी में सुनेंगे की आखिर कभी कभी पुरुषों के लिए भी रोना क्यों जरुरी हो जाता है। लेकिन तब तक आपलोग हमें बताएं कि केवल परीक्षा में लाये हुए अच्छे नंबर ही एक अच्छा और सच्चा इंसान बनने का माप दंड कैसे हो सकता है? अक्सर देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों के तुलना दूसरे बच्चों से करते है. क्या यह तुलना सही मायने में बच्चे को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करती है या उनके मन में नकारात्मक सोच का बीज बो देती है ? आपको क्या लगता है? इस पर आप अपनी राय, प्रतिक्रिया जरूर रिकॉर्ड करें। और हां साथियों अगर आज के विषय से जुड़ा आपके मन में किसी तरह का सवाल है तो अपने सवाल रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवालों का जवाब ढूंढ कर लाने की पूरी कोशिश करेंगे। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://www.youtube.com/@mykahaani
मोबाइल वाणी और माय कहानी का एक ख़ास पेशकस आपके लिए कार्यक्रम भावनाओं का भवर जहाँ हम सुनेंगे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से जुड़ी कुछ जानकारियां , तो आइये, आज की कड़ी में सुनेंगे बुलिंग यानि कि ताकत दिखाके बदमाशी करना क्या होता है और इसका पहचान कैसे किया जाये साथ ही इस समस्या से निपटने के लिए क्या किया जा सकता है इस बारे में । हां तो साथियों, बुलिंग का सामना करना कोई आसान काम नहीं होता है। हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो इसका शिकार है. क्या आपने या आपके किसी जानने वाले ने कभी अपने जीवन में बुलिंग का सामना किया है ? आखिर क्या वजह है कि समाज में बुलिंग जैसी समस्या उत्पन्न होती है और क्यों लोग इस समस्या से जूझने के लिए मजबूर होते हैं ? बुलिंग से जूझने में माता पिता की क्या भूमिका हो सकती है ? साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। https://www.youtube.com/@mykahaani
बिहार शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में हिरासत में लिए गए 300 छात्र
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विज्ञान प्रदर्शनी में अंशिका बिंद व श्रेया सिंह की टीम को प्रथम,कंचन पाल की टीम को द्वितीय और आईश्का सिंह की टीम को मिला तृतीय स्थान स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रमेश सिंह विधायक शाहगंज रहे, महाविद्यालय के प्रबन्धक नासिर जमाल शेख ने मुख्य अतिथि महोदय को बुके भेंट कर उनका स्वागत किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ तबरेज़ आलम ने मुख्य अतिथि का माल्यार्पण कर स्वागत किया कार्यक्रम की शुरुआत आयत और श्लोक के साथ हुई मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि माननीय मुख्यमंत्री की स्मार्टफोन योजना महत्वपूर्ण है, इस योजना से छात्र छात्राओं में तकनीकी सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण विकास होगा जो युवा समाज को देश दुनिया से जोड़ेगा तथा उनके पूर्ण व्यक्तित्व विकास में सहायक सिद्ध होगा, उन्होंने चयनित छात्र-छात्राओं को 1625 स्मार्टफोन देकर उनके उज्जवल भविष्य की शुभ कामना प्रेषित कियाl
कुटीर पी जी कॉलेज चक्के मे शिक्षा संकाय द्वारा मंगलवार को युवाओं के लिए वित्तीय साक्षरता सेवा के सहयोग से वित्तीय साक्षरता कार्यशाला का आयोजन किया गया ।एन आई एस एवं कोटक सिक्योरिटीज सी.एस.आर. द्वारा कोना-कोना शिक्षा नाम से आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रतिभूति बाजार, स्व-रोजगार, उद्योगों में व्यवसाय के अवसर आदि पक्षो पर विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला को सात पक्षो में विभाजित कर विस्तारित किया गया। अंत में परीक्षण प्राप्त सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ संस्थापक जी एवं मां सरस्वती की छाया प्रति पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। कार्यशाला के संयोजक एवं शिक्षा संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ सी बी पाठक ने कार्यशाला की विषय वस्तु एवं स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए वित्तीय साक्षरता की अनिवार्यता को रेखांकित किया, तथा प्रशिक्षक एवं मुख्य वक्ता चंद्र केतु सिंह को उपस्थित समस्त लोगों का परिचय कराया। कार्यक्रम संचालन डॉ नीता तिवारी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि आज की कार्यशाला के महत्वपूर्ण पक्ष एवं विषय हमारे जीवन की प्रमुख आवश्यकता है ।डॉ सुरेंद्र कुमार दुबे, डॉ रामेश्वर नाथ मिश्रा ,डॉ योगेश पाठक तथा सतीश गुप्ता ने विभिन्न सत्रों में समीक्षात्मक उद्बोधन किया। कार्यशाला मे छात्रों ने विभिन्न जीवंत विषय ,पर्यावरण संरक्षण, सोशल मीडिया जल संरक्षण महिला सशक्तिकरण आदि विषयों पर अल्पना बनाकर जन जागरण का कार्य संपन्न कराया। इस अवसर पर संस्था के अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे।
विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार के विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत, गांधी स्मारक पी.जी.कॉलेज समोधपुर में अयोजित स्मार्ट फोन वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रबंधक हृदय प्रसाद सिंह 'रानू ने कहा कि 'स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को आधुनिक शिक्षा और कनेक्टिविटी के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करना था, जिससे तकनीकी शिक्षा में छात्र दक्ष होंगे। कार्यक्रम के अध्यक्ष कर रहे प्राचार्य प्रो0 रणजीत कुमार पाण्डेय ने कहा कि यह कार्यक्रम सरकार के डिजिटल साक्षरता और युवाओं के बीच तकनीकी पहुंच बढ़ाने के संकल्प का प्रतिनिधित्व करता है। कार्यक्रम का संचालन डिजीशक्ति पोर्टल के नोडल अधिकारी, विष्णुकांत त्रिपाठी ने किया और बसंत पंचमी की बधाईयां देते हुए कार्यक्रम की शुरुआत विद्यादायिनी मां सरस्वती की वंदना के साथ की। तत्पश्चात कार्यक्रम के वितरण चरण में चयनित एवं सत्यापित विद्यार्थियों को स्मार्टफोन वितरित किए गए । उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल शिक्षा में तकनीक के महत्व को इंगित करती है और साथ ही साथ सरकार के डिजिटल अंतर को घटाने और युवाओं को आवश्यक संसाधनों से सुसज्जित करने के संकल्प का प्रतिनिधित्व करती है। गांधी स्मारक पी.जी. कॉलेज समोधपुर में स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम ग्रामीणांचल के छात्रों के लिए एक आशा की किरण है तथा सरकार के युवा सशक्तिकरण और समावेशी विकास के प्रति अटल समर्पण का प्रमाण है। कार्यक्रम में महाविद्यालय के आचार्य प्रो.अरविंद सिंह, प्रो. राकेश कुमार यादव, प्रो. लक्ष्मण सिंह, डॉ. अवधेश कुमार मिश्रा, डॉ. नीलमणि सिंह, डॉ. लालमणि प्रजापति, डॉ. आलोक प्रताप सिंह 'विसेन', डॉ पंकज सिंह, डॉ. अविनाश वर्मा, डॉ. वंदना तिवारी, डॉ. नीलू सिंह, श्री जितेंद्र सिंह, श्री विकास कुमार यादव, श्रीमती नीलम सिंह, श्री जितेंद्र कुमार, श्री सत्यप्रकाश सिंह, डॉ. संदीप कुमार सिंह, श्री बिंद प्रताप सिंह एवं श्री अखिलेश सिंह ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। साथ ही साथ महाविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने भी बढ़-चढ़कर इस कार्यक्रम में सहभागिता की। कार्यक्रम का समापन डॉ. अवधेश कुमार मिश्रा द्वारा मुख्य अतिथि, उपस्थित विद्वतजनों एवं सभी विद्यार्थियों को धन्यवाद ज्ञापित कर किया गया।