माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.
माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.
इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
इस कार्यक्रम में एक परिवार बात कर रहा है कि कैसे बढ़ती गर्मी से बचा जाए। वे चर्चा करते हैं कि शहरों में ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए, पानी बचाना चाहिए, और लोगों को इन बातों के बारे में बताना चाहिए। और सभी को मिलकर अपने आसपास की जगह को ठंडा और हरा-भरा बनाकर रखना चहिये
सुनिए इस कहानी को जो बच्चों को प्रेरित करती है दूसरों की मदद करके को लेकर |ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।
हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है।सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।
विद्यालय के आस-पास लगा कचरों का अम्बार -साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ किया जा रहा खानापूर्ति जौनपुर-सरकार के द्वारा चलाया जा रहा स्वच्छता अभियान को नगर पंचायत कजगांव मुंह चिढ़ा रहा है बता दें कि उक्त नगर पंचायत कार्यालय के ठीक बगल में स्थिति प्राथमिक विद्यालय के अगल-बगल कचरों का अम्बार लगा हुआ है जिसके चलते आस-पास पुरी तरह से नरकीय बना हुआ है जहां एक तरफ उक्त नगर पंचायत में सफाई करने के लिए दर्जनों से अधिक सफाई कर्मचारीयों की नियुक्ति कि गयी है वहीं दूसरी तरफ सफाई कर्मी के द्वारा साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कि जा रही है ऐसी स्थिति में देखा जाये तो सरकार के द्वारा चलाया जा रहा स्वछता अभियान उक्त नगर पंचायत में पुरी तरह से यहां विफल देखने को मिल रहा है देश के भविष्य कहे जाने वाले नौनिहाल जब विद्यालय पढ़ने आते हैं तो अगल-बगल लगी गन्दगी से विद्यालय के बच्चे भी परेशान रहते हैं सफाई न होने के कारण लोग मच्छरों के प्रकोप से परेशान हैं तथा लोग डेंगू,मलेरिया आदि तमाम घातक बीमारियां होने का डर बना रहता है प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत प्रधानाध्यापक ने बताया कि इस प्रकार की समस्या के बारे में नगर पंचायत के अधिकारी व कर्मचारियों को अवगत कराने के बावजूद भी साफ-सफाई नहीं कराया जा रहा है इस प्रकार के समस्या से प्रति नगर पंचायत अध्यक्ष सहित विभागीय अधिकारी व कर्मचारी पुरी तरह से कुम्भकर्णी निन्द्रा में लीन नजर आ रहे हैं
जौनपुर । भारतीय सांस्कृतिक केंद्र द्वारा संचालित प्रोफेसर रामनाथ पांडेय महिला महाविद्यालय मुंगरा बादशाहपुर में मंगलवार को चौथे दिन राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेविकाओं ने रैली निकाली जो प्राथमिक विद्यालय कमालपुर पहुंचकर समाप्त हो गई। रैली समापन के बाद स्वच्छ भारत सुंदर भारत का संदेश दिया गया । स्वयं सेविकाएं विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों के साथ ही गांव में पहुंचकर साफ सफाई के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि हमारी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए साफ सफाई बेहद जरूरी है। अपने आसपास के क्षेत्र और पर्यावरण की सफाई सामाजिक बौद्धिक के साथ ही स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। "स्वच्छता अपनाना है देश में खुशियां लाना है, मन में रखो एक ही सपना स्वच्छ बनाना है भारत अपना"। इस स्लोगन को गाते हुए स्वयं सेविकाओं ने वहां के लोगों को स्वच्छता एवं साफ सफाई को लेकर जागरूक भी किया। इस दौरान कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती बिंदु पटेल, दीपकमणि तिवारी, डॉक्टर कमलेश पांडेय, परमेंद्र विक्रम सिंह, रविशंकर शुक्ल, अरुण पांडेय, ज्ञान शंकर पाल, श्रीमती संजू मिश्रा, श्रीमती प्रीति त्रिपाठी, श्रीमती ज्योति पांडेय, श्रीमती लक्ष्मी मौर्य, डॉक्टर अल्पना सिंह वं धीरज गुप्ता आदि शिक्षक मौजूद रहे।
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