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उदास ने अपने संगीत कैरियर कई मशहूर गजलें, जिसमें चिट्ठी आई है, वतन से चिट्ठी आई है, उनकी लोकप्रिय गजल थी जिसने संगीत और देशप्रेम की सीमाओं के बाहर सुना गया। इसके अलावा आदमी खिलौना है, जैसी तमाम गजलें गाईं। जिससे उन्हें बेतहाशा प्रसिद्धि मिली, उन्हें जगजीत सिंह के बाद सबसे ज्यादा प्रसिद्ध गजल गायक भी माना गया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता जनपद जौनपुर की मानी जानी हस्ती कलेक्ट के बगल में राज कॉलोनी में जिनका निवास स्थान था,ऐसे स्व०डॉ.दिनेश सिंह (बब्बू)की बिगत दिनों लखनऊ के अपोलो हॉस्पिटल में हृदय गति रुकने से आकस्मिक निधन हो जाने की खबर लगते ही पूरे जनपद एवं भाजपाइयों में शोक की लहर फैल गई, क्योंकि वह एक व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व थे,जिनकी क्षतिपूर्ति करना असम्भव कार्य होगा,डा.सिंह के पिता स्व.राजकेशर सिंह दो बार सांसद रह चुके थे,उनकी ईमानदारी एवं कर्तव्य निष्ठा की वजह से आज भी जनता उनका नाम बड़े ही आदर और सम्मान से लेती है,ठीक उन्हीं के पद चिन्हों पर चलते हुए डा.सिंह भी सरल स्वभाव एवं प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के कारण आम जनमानस में काफी लोकप्रिय थे,वे राजनीतिक पद पर आसीन होकर जनता की सेवा करने की उच्च सोच रखते थे,कलीचाबाद तिराहे पर लगाई गई वीर शिरोमणि हिन्दुवाकुलसुर्य महाराणा प्रताप की प्रतिमां का अनावरण मा०मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करवा कर तिराहे का नाम महाराणा प्रताप चौक रखने एवं मुरादगंज तिराहे पर क्षत्रिय कुलभूषण सम्राट पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा लगाकर पृथ्वीराज चौक रखने का सपना था,उन्हें उत्तर प्रदेश रत्न द्वारा एवं काशी विद्वत परिषद वाराणसी द्वारा सम्मानित किया गया था,उन्होंने ढेर सारे लेख लिखे थे जिसमें उन्होंने अग्निवंशीय चौहान योद्धाओं पर एक पुस्तक लिखी थी जिसे महाराणा प्रताप की प्रतिमा के अनावरण होने के बाद प्रकाशित करने का विचार बनाया था जो अधूरा रह गया,उनके दो पुत्र राजवीर सिंह (राजा) और यशवीर सिंह (ऋषि)हैं,जो बहुत ही आज्ञाकारी एवं पितृभक्त हैं जिन्होंने अपने पिता की उपस्थिति में ही उनके सारे कार्यभार को बखूबी संभाला करते थे,उनके बड़े पुत्र राजवीर सिंह (राजा) ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि,पिताजी हम लोगों को असमय छोड़ कर चले गए मगर हम अपने पिता जी के पदचिन्हों पर चलते हुए उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का सतत प्रयास करेंगे।
सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के जमुहाई गांव निवासी समाजसेवी इंद्रसेन सिंह 60 वर्ष की उम्र मे मुंबई में उपचार के दौरान निधन हो गया। उनके निधन की सूचना मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई ।स्वर्गीय इन्द्रसेन सिंह बिजनेसमैन अमित कुमार सिंह सोनू के बङे पिता थे ।
जौनपुर के इतिहास पर शोध करने वाले डॉ सलाहुद्दीन नहीं रहे
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ट्रैक्टर की चपेट में आने से बाइक सवार की हुई मौत
कमरें में सो रहे डॉक्टर को अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर किया हत्या