फतेहपुर विजयीपुर । दोआबा में अन्ना से परेशान किसानों को फसल बचाने के लिए खेतों में रात गुजारनी पड़ रही है। मुंशी प्रेमचंद की कहानी पूष की रात जैसे नजारे पूरे क्षेत्र में देखे जा सकते हैं। सर्द रातों में फसलों को बचाने की जद्दोजहद में लगे अन्नदाता कहानी का हल्कू बना हुआ है। शुक्रवार रात ऐसे ही एक हल्कू की सर्दी में मौत हो गई तो नाराज ग्रामीणों ने अन्ना पशुओं को एक हाते में बंद कर हंगामा काट दिया। थुरियानी मजरे रायपुर भसरौल के किसान बरमदीन निषाद (65) रोज खेतों की रखवाली करने के लिए जाते हैं। शुक्रवार को घर से खाना खाकर खेतों में चले गए थे। बताया जा रहा है कि अन्ना पशु बार-बार खेतों में घुस आ रहे थे जिनको भगाने के लिए किसान बरमदीन को खेत के चारों ओर भागना पड़ रहा था। इसी दौरान सर्दी लग जाने से किसान की मौत हो गई। किसान की मौत से परिजनों सहित क्षेत्र के लोगों में रोष फैल गया। लोग इकह्वा हुए और अन्ना पशुओं को लाकर एक हाते में बंद कर दिया। साथ ही ग्रामीणों ने हंगामा काट, जनप्रतिनिधियों पर भड़ास निकाली। किसानो का आरोप है कि अन्ना पशुओं से क्षेत्र की जनता परेशान है, लेकिन जिम्मेदारों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। किशनपुर थाना प्रभारी जेपी शाही ने बताया हंगामे की सूचना नहीं मिली है। वहीं बीडीओ शकील अहमद ने बताया गाड़ी से लगातार अन्ना गोवंश को गोशाला पहुंचाया जा रहा है। बहुत जल्दी रायपुर भसरौल के गोवंश भी गोशाला पहुंचाए जाएंगे। हालांकि किसानों को अन्ना मवेशियों से राहत नहीं मिल रही।