कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

नमस्कार दोस्तों, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। तेज़ रफ्तार वक्त और इस मशीनी युग में जब हर वस्तु और सेवा ऑनलाइन जा रही हो उस समय हमारे समाज के पारंपरिक सदस्य जैसे पिछड़ और कई बार बिछड़ जाते हैं। ये सदस्य हैं हमारे बढ़ई, मिस्त्री, शिल्पकार और कारीगर। जिन्हें आजकल जीवन यापन करने में बहुत परेशानी हो रही है। ऐसे में भारत सरकार इन नागरिकों के लिए एक अहम योजना लेकर आई है ताकि ये अपने हुनर को और तराश सकें, अपने काम के लिए इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी सामान और औजार ले सकें। आज हम आपको भारत सरकार की विश्वकर्मा योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। तो हमें बताइए कि आपको कैसी लगी ये योजना और क्या आप इसका लाभ उठाना चाहते हैं। मोबाइल वाणी पर आकर कहिए अगर आप इस बारे में कोई और जानकारी भी चाहते हैं। हम आपका मार्गदर्शन जरूर करेंगे। ऐसी ही और जानकारियों के लिए सुनते रहिए मोबाइल वाणी,

भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

चुनावी बॉंड में ऐसा क्या है जिसकी रिपोर्ट सार्वजनिक होने से बचाने के लिए पूरी जी जान से लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट की डांट फटकार और कड़े रुख के बाद बैंक ने यह रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दी, अब चुनाव आयोग की बारी है कि वह इसे दी गई 15 मार्च की तारीख तक अपनी बेवसाइट पर प्रकाशित करे।

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सीडीओ ने पोषण जागरूकता रैली को किया रवाना

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भाटपार रानी,देवरिया| भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष, अध्यापक ,चिंतक व साहित्यकार डॉ पवन कुमार राय ने कहा है सन् 2047 तक देश को दुनिया के विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में खङे करने का जो सपना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देखा है ,उसमें प्राथमिक शिक्षा एक महत्वपूर्ण कङी है और इस सपने को साकार रूप देने में ग्राम प्रधानों,अध्यापकों, प्रधानाध्यापकों तथा विद्यालय प्रबंधन समिति अपनी अहं भूमिका निभा रहे हैं| डा० राय भाटपार रानी के मदन मोहन मालवीय पीजी कॉलेज के सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा अयोजित ग्राम प्रधानों, विधालय प्रबंधन समिति के सदस्यों तथा प्रधानाध्यापकों के ब्लॉक स्तरीय उन्मुखीकरण संगोष्ठी और कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे| उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित लोगों का अह्वान किया कि वे प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने के लिए प्राथमिक शिक्षा विभाग द्वारा चलाये जा रहे आपरेशन कायाकल्प व निपुण अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए गावों में जागरुकता अभियान चलायें और लोगों को प्रेरित करें | डॉ राय ने कहा कि भारत देश तभी विकसित हो सकेगा जब इसके सभी गांव हर क्षेत्र में पूर्ण संतृप्त हो जायें और इसके लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी व विकास योजनाओं को रूट स्तर पर क्रियान्वित करने व सफल बनाने में गावों की सरकार की महती भूमिका है| उन्होने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि हमें श्री नरेंद्र भाई मोदी जैसा सजग ,परिश्रमी तथा सबके प्रति संवेदनशील हृदय वाले प्रधानमंत्री तथा योगी आदित्यनाथ जी महाराज जैसा वीतरागी व कुशल प्रशासक मुख्यमंत्री मिला है| उन्होने कहा कि शिक्षा ही विकास की बुनियाद बनाती है और बेसिक शिक्षा विभाग अपने अभिनव प्रयोगों और नवाचारों से देश के विकास की बुनियाद को सुदृढ बना रहा है| डॉ राय ने भाटपार रानी विकास खंड में आपरेशन कायाकल्प व निपुण अभियान में हुयी उल्लेखनीय प्रगति व उपब्धियों के लिये यहां के खंड शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार सिंह के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व मे सभी प्रधानाध्यापकों व ग्राम प्रधानों के सहयोग से जल्द ही यहां शत प्रतिशत सफलता हासिल होगी| इस उन्मुखीकरण संगोष्ठी व कार्यशाला में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित कर इसका उद्घाटन किया गया तदोपरांत खंड शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार सिंह ने कार्यवृत रखते हुये विषय का परावर्तन किया तथा कायाकल्प व निपुण अभियान के क्षेत्र में हुयी उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की| कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि भाषा विभाग उत्तर प्रदेश के सदस्य डॉ शम्स परवेज ने कार्यशाला में ग्राम प्रधानों के समक्ष आने वाली व्यहारिक कठिनाईयों की चर्चा करते हुये उनके निरकरण पर बल दिया तो वरिष्ठ शिक्षक नेता व प्राथमिक शिक्ष संघ के जिलाध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों व अध्यापकों की चुनौतियों का उल्लेख करते हुये कहा कि तमाम व्यवहारिक परेशानियों के बावजूद हमारे अध्यापकों की प्रबल इच्छाशक्ति के बल पर सरकार की तमाम योजनाएं वास्तविक धरातल पर दिखाई दने लगी है ंऔर प्राथमिक विद्यालयों का स्वरूप निखर रहा है| कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ कमलेश नारायण मिश्रा ने डीबीटी,कायाकल्प, निपुण ,तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तार पूर्वक चर्चा की| इस समारोह में निपुण अभियान व कायाकल्प योजना में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले दर्जनों प्रधानाध्यापकों व ग्राम प्रधानों को प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया| कार्यशाला का सफल संचालन प्रधानाध्यापक डॉ. संजय कुमार सिंह द्वारा किया गया| इ अवसर पर मतदाता जागरूकता शपथ भाटपार रानी के तहसीलदार द्वारा दिलाया गया | इस अवसर करीब 250 ग्राम प्रधान,प्रधानाध्यापक, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यगण तथा बीआरसी समन्यवक अजय कुमार सिंह ,सगीर अहमद,अवध बिहारी पाण्डेय, टी.एन तिवारी, अनील कुमार आलोक कुमार, अशोक चौरसिया, दीनदयाल कुशवाहा, रमेश यादव,प्रियरंजन राय,यशवन्त,संगीता चौरसिया, विजय दूबे ,मुसाफिर प्रसाद, कमलावती यादव,गौरव पाण्डेय, नीलम,विरेन्द्र कुमार, कन्हैया, शिवमंगल प्रताप, विष्णी त्रिपाठी आदि लोग उपस्थित रहे