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देवरिया ,भाटपारानी ,राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी नल जल परियोजना के तहत गांवों में घरों को पानी उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से पानी की टंकियों का निर्माण किया जा रहा है , लेकिन सरकार द्वारा अतीत में लगाए गए इंडिया मार्क हैंडपंपों की मरम्मत नहीं की गई है । आज भी लोग मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों पर अशुद्ध पानी पीने के लिए मजबूर हैं । आपको बता दें कि सरकार का इरादा नल जल परियोजना के तहत घर - घर पानी की आपूर्ति करना और ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है । हम देवरिया जिले के भाटपारानी तहसील क्षेत्र में सोहनपुर के रामजानकी मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं , जो रामजानकी मंदिर के पास है । यह पंप दशकों से खराब स्थिति में है और हर दिन हजारों लोग इस मार्ग का उपयोग करते हैं क्योंकि यह उत्तर प्रदेश को बिहार सीमा से जोड़ने वाला तुलाने मार्ग भी है और रामजानकी मंदिर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है ।
भाटपाररानी के कटाईटीकर गांव में पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालय के निर्माण में अनियमितता प्रकाश में आया है। डीपीआरओ की जांच में सात लाख 76 हजार 886 रुपये गबन की पुष्टि हुई है। डीएम ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए उप्र पंचायतराज अधिनियम 1947 यथा संशोधित की धारा 95 (1) छह के तहत ग्राम प्रधान व तत्कालीन दोनों सचिवों के विरुद्ध नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था।
भाटपार रानी,देवरिया: कृषि विज्ञान केंद्र मल्हना द्वारा मधुमक्खी पालन पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमे बेरोजगार युवकों के लिए स्वरोजगार परक प्रशिक्षण कराया जायेगा।यह प्रशिक्षण 12 फरवरी दिन सोमवार को दिन के 10 बजे से शुरू होगा।जो प्रशिक्षण 5 दिनों तक चलेगा। इस प्रशिक्षण में 10 वर्ष से 35 वर्ष के युवक व युवतियां भाग ले सकते है।जिसमे कम लागत अन्य खेती किसानी करते हुए मधुमक्खी पालन हो और जिससे अधिक आमदनी हो सके इसके बारे में विस्तार से उन्हें जानकारी दी जाएगी।उक्त खबर की जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र से रजनीश श्रीवास्तव ने दी।
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वर्तमान में , देवरिया जिले के सभी शराब बनाने वाले कारखाने कचरे से भरे हुए हैं । नशे में धुत लोग वहां कचरा फेंकते हैं , जिससे एक तरफ पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है और वहां से गुजरने वाले लोग भी बहुत प्रदूषित हो रहे हैं । साफ - सफाई के लिए जिम्मेदार लोग इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं , न ही गांव के सफाईकर्मियों द्वारा गांव की सफाई में सुधार किया जा रहा है , न ही शराब की भट्टी या गांव के मालिकों द्वारा कोई उचित कार्रवाई की जा रही है ।
