देवरिया। समाज का इकलौता शख्लस कलमकार यानी मिडिया का व्यक्ति होता है जो अपना सर्वस्व न्यौछावर कर आमजन की पीड़ा को लेकर संघर्ष करता है और विपक्ष की दंश का शिकार भी होता है, फिर भी उसका कोई मददगार नहीं होता। शासन प्रशासन भी कभी पत्रकार हितों की बात नहीं करता। शासन भी आश्वासन की घुट्टी पिला कर इतिश्री कर लेता है। पत्रकार साथियों के संगठन की ताकत और सहयोग ही हिम्मत और हौंसला ही संघर्ष का दिलासा देता है। बीते चार दिनों से बनकटा ब्लॉक के भैंसहीं निवासी पत्रकार साथी असलम परवेज जी के पत्नी की तबियत खराब हो गई तो असलम परवेज पत्नी को लेकर देवरहा बाबा स्वशासी मेडिकल कॉलेज देवरिया पहुंचे। आर्थिक तंगी और विपरीत परिस्थितियों की जानकारी अपने शुभचिंतकों को दी। जब पत्रकार साथी की पीड़ा की सूचना क्षेत्रीय पत्रकार एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल पटेल सहित अन्य साथियों को लगी तो सभी कलमकार साथियों ने मदद और संघर्ष को हौंसला देने के लिए तत्पर हुए और देखते ही देखते अच्छी मदद और साथ देकर हौंसला और हिम्मत को ताकत दी। संगठन और संगठनात्मक संरचना के कड़ी की मजबूती सहयोग और समर्पण होता