उत्तरप्रदेश राज्य के बलिया जिला से मनु कुमार प्रजापति ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि लैंगिक असमानता बचपन से ही शुरू हो जाते है। जन्म के समय से ही अपेक्षाओं और अवसरों के मानदंडों से ही लड़का और लड़की में भेदभाव होने लगता है। यह असामनता फिर जीवन भर बने रहता है। लड़कों को अक्सर स्कूल जाने ,शिक्षा प्राप्त करे और काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है वही लड़कियों को घर के काम का बोझ दिया जाता है। इस कारण लड़की स्कूल नहीं जा पाती है। जिससे बाल विवाह की समस्या बढ़ जाती है