कहें कि कई वर्षों से हमारे किसान भाई घाघरा नदी के कटाव के कारण लगातार पीड़ित हैं , जिसमें ग्राम सभा ने बिजलीपुर और कुरुसत्तम पति को खरीदा है । यह घाघरा नदी सबसे अधिक प्रभावित है , जिस पर पुल बनाया जा रहा है , जैसा कि हमने अपने तीन - चार गाँवों को बताया है । हरिद बिलीपुर और स्वातमपति के सभी छोटे - बड़े किसान भाई - बहन हैं और उनकी जमीन दिन - प्रतिदिन नदी में मिल रही है । ऐसे में यह एक गंभीर समस्या है । यह बात सामने आई है कि इस कटाई को कैसे रोका जाए क्योंकि यहां के हमारे अधिकांश किसान भाइयों की ज्यादातर जमीन नदी के किनारे है , ऐसे में नदी में जमीन का विलय एक बहुत बड़ी समस्या है या फिर यह बहुत बड़ी समस्या है । मान लीजिए कि अगर जमीन नहीं होगी तो उन्हें सालों तक भुखमरी झेलनी पड़ेगी , तो हमारे किसान भाई खेती नहीं कर पाएंगे , जिसमें दीघा की बीघा जमीन काटकर हर दिन उसमें मिलाई जा रही है । माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ जी और जिला मजिस्ट्रेट जिले में कोई सख्त कदम नहीं उठा रहे हैं , जिसके कारण यह समस्या लगातार और गंभीर होती जा रही है ।